विभाग ने बनाए चार मशीनरी बैंक, लाभ उठाने की अपील की | Awareness
होशियारपुर (सच कहूँ न्यूज)। कृषि विज्ञान केंद्र बाहोवाल के डायरेक्टर डॉ. मनिदर सिंह बोंस ने (Awareness) होशियारपुर के माहिलपुर ब्लॉक के गांव पंचनंगला के किसानों को पराली न जलाने के लिए प्रेरित किया और साथ ही पराली का खेतों में प्रबंधन करने के तरीके बताए। केवीके बाहोवाल के डिप्टी डायरेक्टर डॉ. मनिदर सिंह बौस व डॉ. अजायब सिंह ने बताया धान के खेतों में गेहूं की सीधी बिजाई करने से यहां गेहूं में उगने वाले नदीन कम उगते हैं, वहीं खेत की जुताई में डीजल की खपत कम होती है। उन्होंने बताया कि इस ब्लॉक में चार मशीनरी बैंक बनाए गए हैं, जिनमें से चक्क गुरु गांव भी शामिल हैं। किसान मशीनरी बैंक से उपलब्ध कराई गई मशीनों का लाभ उठा सकते हैं।
हैपीसीडर से करें गेहूँ की बिजाई | Awareness
आइसीएआर अटारी के डॉ. आशीष मुरारे व डॉ. निर्भय सिंह ने बताया कि पंचनंगला गांव के संजीव कुमार ने हैप्पी सीडर की सहायता से 10 एकड़ में गेहूं की बिजाई की है। वहीं जीवन सिंह ने 5 एकड़, कश्मीर सिंह ने 4 एकड़ व सतनाम सिंह ने 7 एकड़ जमीन में इस तकनीक से गेहूं की बिजाई करने का फैसला किया। उन्होंने किसानों से अपील की है कि वह खेतों में पराली को आग न लगाएं, बल्कि इन खेतों में हैपीसीडर की सहायता से गेहूं की बिजाई कर खेत जुताई में खर्च होने वाले डीजल की बचत करें। उन्होंने कहा कि इस तकनीक से गेहूं की पैदावार में बढ़ोतरी होती है।
लोगों की जान पर भारी पड़ रही जहरीली गैसें | Awareness
- पिछले कुछ समय से किसानों द्वारा धान की पराली को आग लगाने के कारण
- यहां यह समस्या गंभीर होकर सामने आई है,
- जिसके कारण इसके धुएं से वायु में जहरीली गैसों से वायु प्रदूषण में बढ़ोतरी हुई है,
- जिससे लोगों को आस्थमा और एलर्जी जैसी खतरनाक बीमारियां लग रही हैं।
- इसलिए पंजाब एग्रीकल्चर यूनिवर्सिटी लुधियाना और खेतीबाड़ी विभाग
- पंजाब पराली प्रबंधन संबंधी विभिन्न तकनीकी योजनाएं चला रहा है।
- इसी मुहिम के तहत कृषि विज्ञान केंद्र बाहोवाल और खेतीबाड़ी भलाई
- विभाग होशियारपुर ने लोगों को जागरूक किया।
Hindi News से जुडे अन्य अपडेट हासिल करने के लिए हमें Facebook और Twitter पर फॉलो करे।