पंजाब में भारी बहुमत से सत्ता पर काबिज आम आदमी पार्टी ने देश के राजनेताओं को सोचने पर मजबूर कर दिया। वोटरों ने राजनेताओं को आइना दिखा दिया है कि अब जनता को मूर्ख नहीं बनाया जा सकता। ‘इस बार तूं अगली बार मैं’ के फेर में अब जनता फंसने वाली नहीं। जात-पात की राजनीति, धर्म की राजनीति, अमीर-गरीब की राजनीति अब चलने वाली नहीं। धर्म के नाम पर समाज को बांटकर अपना उल्लू सीधा करने वालों को जनता ने सिरे से नकार दिया। सुनील जाखड़ जैसे नेता शायद अब भी सबक नहीं सीखे। अभी भी वे अपनी जुबान से जहर उगल रहे हैं। लोगों की आस्था और विश्वास पर चोट करने वालों का हश्र देखकर भी शायद उन्हें समझ नहीं आ रही।
प्रजातंत्र में जनता जनार्दन बड़े-बड़ों का फितूर उतार देती है। खैर, आम आदमी पार्टी की जितनी बड़ी जीत है, उतनी बड़ी ही लोगों की अपेक्षाएं हैं। एक बहुत बड़ी जिम्मेदारी ‘आप’ के कंधों पर है। जनता को एक अलग किस्म की राजनीति, एक अलग तरह की सरकार देखने की ललक है जो सिर्फ विकास के कार्य करेगी, जो आमजन के हित के कार्य करेगी। सरकार में आमजन की भागीदारी होगी। बदले की भावना से कोई कार्यवाई नहीं होगी। धर्म के नाम पर समाज के भाईचारे को कोई हानि नहीं होगी। वोट के लिए फूट डालने की राजनीति नहीं होगी। पंजाब के निवासियों को धर्म, जाति व सम्प्रदाय के चश्में से देखने की बजाए सिर्फ और सिर्फ पंजाबी के रूप में देखा जाएगा।
यह पंजाब के हर उस वर्ग की उम्मीद है जिसे पिछली सरकारों ने केवल वोट के लिए इस्तेमाल किया और जूल्म ढहाए। पंजाब की जनता को भगवंत मान के नेतृत्व वाली सरकार से यह उम्मीद है कि पंजाब में शायद अब किसी पर वोट बैंक के लिए जुल्म नहीं ढहाए जाएंगे। पंजाब की जनता अब नशामुक्त पंजाब देखना चाहती है। अच्छे स्कूल, सभी सुविधाओं से युक्त अस्पताल, जहां पर हर गरीब को समुचित इलाज मिले और एक ऐसा पंजाब जो कभी पूरे देश में सिरमौर ‘प्रान्त’ होता था वही रूतबा पंजाब को फिर से हासिल हो। यह अपेक्षा न केवल पंजाब की जनता बल्कि देश की जनता को भी अब ‘आप’ से है।
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