बिना दान-दहेज के हुई शादियां बनी चर्चा का विषय

Marry without Dowry

Marry without Dowry | एक नारियल व एक रुपया देकर विवाह संपन्न करवाया

डबवाली(सच कहूँ/राजमीत इन्सां)। हिंदु रीति-रिवाज में शादी को सात जन्मों का बंधन माना जाता है, कहा जाता है कि शादी दो लोगों की नहीं बल्कि दो परिवारों के बीच होती है। बीते दिवस बिना दान-दहेज एवं बिना घूंघट के बिश्नोई समाज में संपन्न हुई दो शादियां क्षेत्र में चर्चा का विषय बनी हुई है। स्थानीय लघु सचिवालय के सामने स्थित वार्ड नंबर 6 निवासी मास्टर अमर सिंह बिश्नोई ने अपनी बेटी शालिना और बेटे पवन की शादी बिना दान-दहजे व बिना घूंघट के संपन्न करवाकर समाज को एक नया पैगाम दिया है। अमर सिंह बिश्नोई की बेटी शालिना का विवाह मेहराणा धौरा निवासी राम कुमार के बेटे सुशील कुमार से संपन्न हुआ जबकि एक ही दिन बाद ही उनके बेटे पवन का विवाह फतेहाबाद निवासी एएसआई राम सिंह की बेटी किरणा से संपन्न हुआ।

दोनों ही शादियों में अमर सिंह बिश्नोई ने एक नारियल व एक रुपया देकर व लेकर बिना घूंघट के विवाह संपन्न करवाकर एक मिसाल कायम की। उल्लेखनीय है कि इससे पूर्व भी इन्होंने अपनी बड़ी बेटी ममता का विवाह फतेहाबाद निवासी कानूनगो सुशील के बेटे सौरभ से एक नारियल व एक रुपए के शगुन से संपन्न करवाकर एक नई परंपरा का आगाज किया था, जिसे इन्होंने फिर दोहराया है। मास्टर अमर सिंह बिश्नोई ने बताया कि वह गांव शेरगढ़ के एक राजकीय विद्यालय में कार्यरत हैं और अब आगामी दिनों में अपनी दोनों बेटियों व दामादों से तथा बेटे व बहू से विवाह की खुशी में गांव शेरगढ़ के दो प्राइमरी व एक मिडल स्कूल को 5100-5100 रुपयों की सहयोग राशि दिलवाएंगे तथा 21-21 छायादार व त्रिवेणी के पौधे तीनों स्कूलों के प्रांगण में लगवाएंगे ताकि ग्रामवासी व अन्य समाज के लोग इससे प्रेरणा ले सकें।

 

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