चंडीगढ़ (सच कहूँ)। भ्रष्टाचार मामले में सजा पा चुके चंडीगढ़ जिला अदालत के पूर्व जज सुरिंदर सिंह भारद्वाज को अब सीबीआइ की कस्टडी से भागने के मामले में दोषी करार दिया गया है। मामले में भारद्वाज को एक साल की कैद की सजा सुनाई गई है। साथ ही पांच हजार रुपये का जुर्माना लगाया गया है।भारद्वाज पर सात लाख रुपये रिश्वत मांगने का दोष था। जब सीबीआइ उनके घर में तलाशी ले रही थी तब वह सीबीआइ की कस्टडी से भाग गए थे। 15 साल पुराने इस मामले में निचली अदालत ने चार साल पहले भारद्वाज को इस मामले में बरी कर दिया था। बाद में, निचली अदालत के इस फैसले के खिलाफ प्रॉसिक्यूशन ने सेशन कोर्ट में अपील दायर की थी। उस समय सेशन कोर्ट ने निचली अदालत के फैसले को पलटते हुए भारद्वाज को दोषी करार दिया था।
यह है मामला
वर्ष 2003 में पूर्व जज सुरिंदर सिंह भारद्वाज पर 7 लाख रुपये रिश्वत लेने का दोष था। सीबीआइ ने जालंधर के समरा की शिकायत पर 10 मई 2003 को भारद्वाज को ट्रैप लगाकर दबोचा था। सीबीआइ ने भारद्वाज को सेक्टर-22 में उनके सराकारी आवास से सात लाख रुपये रिश्वत लेते गिरफ्तार किया था। रिश्वत मामले में वर्ष 2009 में भारद्वाज को तीन साल कैद की सजा सुनाई गई थी। वे देश के पहले जज थे, जिन्हें भ्रष्टाचार के आरोप में सजा हुई।
वहीं, मोबाइल में रिकॉर्डिंग में समरा और भारद्वाज के बीच पैसे के लेनदेने को लेकर भी ऑडियो रिकॉर्डिंग सामने आई थी, लेकिन जब सीबीआइ के अफसर भारद्वाज के घर तलाशी ले रहे थे वे सीबीआइ के अफसरों को झांसा देकर वहां से फरार हो गए। कोर्ट से उनके नाम के वारंट भी जारी किए गए थे। करीब एक महीने बाद उन्हें हिरासत में ले लिया गया था।
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