सराहनीय। कोरोना योद्धाओं ने संक्रमितों के इलाज में दिन-रात किया एक
(Haryana Doctor’s)
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डॉक्टर बोले-मरीज को ठीक होते देखना ही सबसे बड़ी खुशी है
भिवानी (सच कहूँ न्यूज)। चिकित्सक वास्तव में ही भगवान का रूप होता है। चिकित्सक के लिए मरीज को ठीक करने से बढ़कर कुछ खुशी नहीं होती। इसी भावना के साथ काम कर रहे हैं चौ. बंसीलाल सामान्य अस्पताल में स्थापित किए गए कोविड-19 यानि कोरोना के आईसोलेशन वार्ड में तैनात चिकित्सक, जिनके लिए घर-परिवार से पहले लोगों का कोरोना से बचाव करना प्राथमिकता है। सामान्य अस्पताल में नियुक्त योद्धा रूपी चिकित्सकों द्वारा दो मरीजों को नया जीवन प्रदान किया जा चुकी है।
बीमार पिता को छोड़ा भाई के पास : डॉ. रमेश लांबा
सर्जरी विशेषज्ञ डॉ. रमेश लांबा के अनुसार इस वार्ड में ड्यूटी लगने के ठीक पहले बीमार पिता को उन्होंने अपने छोटे भाई के पास चिड़ावा छोड़ा। उन्होंने कहा कि कुछ भी हो जाए, वे मरीज को मरते नहीं देख सकते। (Haryana Doctor’s) वे अपने पिता की सेहत के बारे में खबर निरंतर फोन पर ही लेते रहे हैं। उन्होंने आमजन से कोरोना से बचाव के लिए विशेष सावधानी बरतने की अपील की है।
कोरोना के दौरान ड्यूटी एक अलग तरह की चुनौती : डॉ. मनमोहन
डॉ. मनमोहन बंसल ने बताया कि चिकित्सक के सामने हर समय ही चुनौती रहती है, लेकिन यह एक अलग तरह की है। पूरे देश में आमजन ने चिकित्सकों का मनोबल बढ़ाया है, जिससे चिकित्सकों की मानसिक स्थिति और अधिक मजबूत हुई है। उन्होंने बताया कि इस दौरान ड्यूटी देने से उनको बहुत कुछ नया भी सीखने को मिला।
एहतियात बरतकर कर रही हूँ सेवा : डॉ. सविता
महिला रोग विशेषज्ञ डॉ. सविता ने बताया कि वे पूरी एहतियात बरतकर सेवा कर रही हैं। जीवन में नई समस्याओं का आना भी जरूरी होता है, जिससे हम कुछ नया सीखते हैं। उनके मन में जरा सी भी घबराहट नहीं है, हालांकि रिश्तेदारों के फोन आना स्वाभाविक है।
वायरस की ताकत का अंदाजा नहीं है : डॉ. राज महता
- बच्चों के विशेषज्ञ चिकित्सक डॉ. राज महता ने बताया कि निश्चित तौर पर यह भयंकर बीमारी है।
- जिससे कि सामान्य से हटकर बहुत ज्यादा सावधानी से काम करना पड़ता है।
- नया वायरस होने के कारण इसकी ताकत का भी अंदाजा नहीं है।
- लेकिन इससे लड़ने का अनुभव नया है।
- ऐसी बीमारियों के बारे में पहले तो केवल सुनते थे, जो अब देख भी लिया है।