नशा छोड़ने के लिए गीत, प्रवचनों से रोजाना दिया गहरा संदेश
- परिवारों में एकता, सुख-शांति के लिए समय निकालने का किया आह्वान
- मानवता भलाई के लिए नई मुहिम भी शुरू की
संजय कुमार मेहरा
गुरुग्राम। पूज्य गुरू संत डॉ. गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां…। जिनका हर एक घंटा नहीं, हर मिनट नहीं, हर एक सेकेंड नहीं, बल्कि नैनो सेकेंड मानवता की भलाई के नाम रहता है। पूज्य गुरू जी 40 दिन के रूहानी सफर पर यूपी में बरनावा आश्रम पहुंचे, लेकिन वे वहां से दुनियाभर में फैले डेरा सच्चा सौदा की साध-संगत के साथ आम लोगों से भी जुड़े रहे। इस अंतराल में पूज्य गुरूजी ने समाज सुधार के कई संदेश दिए। पूर्व में किए गए वचनों के अनुरूप अब पूज्य गुरूजी आॅनलाइन गुरूकुल के माध्यम से ही साध-संगत तक पहुंचे।
शनिवार 15 अक्टूबर की सुबह डेरा सच्चा सौदा के करोड़ों श्रद्धालुओं के चेहरों पर नूर आ गया। मस्ती छा गई। पूज्य गुरूजी ने अपने यूट्यूब चैनल पर मात्र 2 मिनट 26 सेकिंड का वीडियो जारी किया। पूज्य गुरूजी ने फरमाया-हमें अपने बच्चों पर गर्व है। परम पिता सबको खुशियां दें। ये 2 मिनट 26 सेकिंड संगत के लिए खुशियों के समुंद्र बहा गए। अपने सतगुरू के दर्श-दीदार पाकर संगत झूम उठी। किसी ने अपने घर पर तो किसी ने गुरूघर जाकर जश्न मनाया। इसके बाद 40 दिन तक पूज्य गुरूजी रोजाना अपने सोशल मीडिया के माध्यम से संगत को निहाल करते रहे।
पूज्य गुरूजी का यह 40 दिन का रूहानी सफर रुहानियत की दृष्टि से एक सच्चे संत और उनके अनुयायियों के बीच के रिश्ते में बहुत ही वैराग्य और भावनात्मक भरा रहा। इस समय में पूज्य गुरूजी संत डा. राम रहीम सिंह जी इन्सां ने इंसानों को इंसान बनने का संदेश दिया। हमेशा की तरह से वे समाज में फैले नशे और इससे बर्बाद होती देश की जवानी को लेकर उसे सुधारने में लगे रहे। इसमें कोई दोराय नहीं कि पूज्य गुरूजी हर उम्र के व्यक्ति को बुराइयों के अंधकार से निकालकर अच्छाईयों के प्रकाश में ले जाने के वाहक बनें हैं। युवाओं को उनकी भाषा, उनकी पसंद से ही गुरूजी सुधारने का भी प्रयास करते हैं। इसी के चलते उन्होंने नशे के खात्मे के लिए गीत-नशा जड़ तों पटणा…लिख-गाकर युवाओं को नशे से दूरी बनाने का प्रभावी संदेश दिया। पूज्य गुरूजी ने इस दौर में नशों पर चोट करते हुए देशवासियों से आह्वान किया कि वे अपने घरों में नशा रूपी दैत्य घुसने ना दें।
घी, तेल के दीये जलाने की परम्परा फिर शुरू की
- 145. घी या तेल जो आपको ठीक लगे, सुबह और शाम, जलाओ।
बेपरवाह साईं शाह मस्ताना जी महाराज के 131वेंं पावन अवतार दिवस पर पूज्य गुरूजी ने 145वां कार्य फ्लेम (एफ-फिक्सिंग लाइफ एंड एयर बाई, एल-लाइटिंग आॅयल लैंप, ए-एम्ड एट, एम-मेकिंग, ई-एन्वायरमेंट क्लीन) शुरू किया। सभी से अपने घरों में सुबह-शाम घी और तेल के दीये जलाने का आह्वान किया। स्वयं दीये जलाकर उन्होंने शुरूआत की। बरनावा आश्रम में 9 दीये प्रज्जवलित कर किए।
इनमें से तीन दीये शाह सतनाम जी आश्रम बरनावा, 3 दीये शाह सतनाम जी धाम सरसा और तीन दीये शाह मस्ताना जी धाम सरसा में रखे गए हैं। ये सभी अखंड दिए हैं, यानी दिन-रात ये दीये जलते रहेंगे। पूज्य गुरूजी ने फरमाया कि दीये जलाने से वातावरण से बैक्टीरिया, वायरस भाग जाएंगे। देश की पुरानी विरासत घरों में तेल या घी का दिया जलाने का आह्वान करते हुए गुरूजी ने कहा कि अपने घरों में एक या फिर एक साथ 17 दीये जलाने का प्रण दिलाया।
नेत्रहीनों की आंख बनेंगे डेरा प्रेमी
पूज्य गुरूजी की ओर से 147वां मानवता भलाई का कार्य भी शुरू किया गया। जिसके तहत नेत्रहीनों की परीक्षाओं के पेपर लिखकर डेरा के शिक्षित सेवादार मदद करेंगे। स्कूल, कालेज, यूनिवर्सिटी में अपने नाम दर्ज कराएंगे, ताकि परीक्षाओं के समय उनकी मदद ली जा सके।
पूज्य गुरूजी ने पर्यावरण सुधारने पर भी दिया जोर
पूज्य गुरूजी ने संगत से अपने वाहनों को प्रदूषण रहित रखने का आह्वान किया। प्रदूषण पर नियंत्रण रखना हम सभी का फर्ज है। धर्म है। यह नहीं सोचना चाहिए कि हमने पैसे देकर सर्टिफिकेट ले लिया। अगर गाड़ी प्रदूषण फैला रही है तो उन्हें ठीक कराएं। अपने साथ अपने दोस्तों, परिवारों, रिश्तेदारों को इसके लिए जागरुक करें।
देश, समाज को सुखी जीवन का बताया रहस्य
आज के दौर में परिवारों में एक-दूसरे के लिए समय नहीं है। ऐेसे में परिवारों से एकता खत्म होती जा रही है। विवाद हो रहे हैं। सामाजिक ताना-बाना छिन्न-भिन्न हो रहा है। समय के इस चक्र को सही करने के लिए पूज्य गुरूजी ने सिर्फ संगत ही नहीं, बल्कि देश के हर व्यक्ति से आह्वान किया कि अपने परिवारों के लिए समय निकालें। परिवार के सभी सदस्य शाम 7 से 9 बजे तक अपने मोबाइल बंद करके एक साथ बैठें। सुख-दुख की बातें सांझा करें। इससे परिवारों में प्रेम बढ़ेगा।
पानी की बूंद- बूंद बचाने का भी दिया संदेश
जल ही जीवन है। यह कहावत नहीं हकीकत है। फिर भी इंसान पानी की बहुत बबार्दी करता है। पूज्य गुरूजी ने रविवार 6 नवंबर को फरमाया कि पानी की बूंद-बंूद हमें बचानी है। पानी का स्तर इतने नीचे जा चुका है कि वैज्ञानिक भी चिंतित हैं। हो सकता है कहीं पानी के लिए ही ना युद्ध हो जाए। साजो-सामान के बिना काम चल जाएगा, लेकिन पानी के लिए बिना नहीं चलेगा। बूंद-बंूद से तालाब भरता है। कहीं लीकेज हो तो उसे ठीक कराओ, कहीं नल से पानी टपक रहा हो तो उसके नीचे बाल्टी आदि रखकर पानी को सहेजने का काम करें। पूज्य गुरूजी ने यह कहा कि वॉश बेसिन या अन्य जगह पर टूंटी खोलकर ब्रश ना करें। पहले पानी को गिलास या किसी डिब्बे में भर लें। ऐसा करके एक समय में काफी पानी की बचत की जा सकती है।
बच्चों को लेकर सजग रहने की प्रेरणा
पूज्य गुरूजी ने जहां गुरूमंत्र के जाप को आत्मिक शांति का एक मात्र साधन बताया, वहीं परिवारों में बच्चों को लेकर भी सजग रहने की प्रेरणा दी। डा. एमएसजी ने फरमाया-परिवार का हर बड़ा सदस्य अपने मोबाइल में नेट नैनी, फैमी सेफ, गूगल फैमिली लिंक, वीआरबी किड्स जरूर डाउनलोड करें, ताकि यह पता चल सके कि बच्चों ने कितने समय तक मोबाइल देखा। उसमें क्या-क्या देखा। बुरी चीजों को लॉक कर दें, हटा दें। पूज्य गुरूजी ने बच्चों को अधिक से अधिक संस्कार देने की प्रेरणा दी। सोशल मीडिया के सही इस्तेमाल का संगत को प्रण दिलाया।
सभी धर्मों की शिक्षा देने पर भी जोर
पूज्य गुरूजी ने आह्वान किया कि स्कूलों में सभी धर्मों का संदेश पढ़ाया जाए और इंसानियत की शिक्षा लागू की जाए। संगत के सवालों के रुहानी जवाब देकर उनकी जिज्ञासाओं को शांत किया। संदेश दिया कि कोई हमारा कितना भी बुरा करे, हमें दीनता, नम्रता नहीं छोड़नी। अपने लक्ष्य की ओर से बढ़ते जाओ। आपको जो जितना नीचा दिखाएगा, आप उतने ही ऊंचे बढ़ते जाओगे। पूज्य गुरूजी ने युवाओं से कृषि व्यवसाय को भी तरजीह देने का आह्वान किया। जहर मुक्त आर्गेनिक खेती को किसान अपनाएं। गुरूजी ने फरमाया कि एक दिन रामराज्य जरूर आएगा और पूरे विश्व में भारत का नाम होगा। आॅनलाइन गुरूकुल में पूज्य गुरूजी ने फरमाया कि-धर्म तोड़ने की नहीं, जोड़ने की शिक्षा देते हैं। हमें सभी धर्मों का सम्मान करना चाहिए। अपनी संस्कृति पर गर्व करना चाहिए।
हर मोबाइल पर बजने लगा- जागो दुनिया दे लोको…गीत
पूज्य गुरूजी ने इस बार नशे पर जमकर प्रहार किया। बातों में, प्रवचनों में और गीत में वे नशे को जड़ से उखाड़ने का संदेश देते रहे। नशे पर ही बनाया गया गीत-जागो दुनिया दे लोको के पांच दिन में व्यूअर का आंकड़ा 60 लाख के पार हो गया। मात्र 9 दिन में ही व्यूअर 10 मिलियन यानी एक करोड़ को पार कर गए। नशे व बुराइयों पर प्रहार करता यह गीत हर किसी के मोबाइल की ट्यून बन गया।
जहन्नुम बने घरों को जन्नत बनाने का संदेश देते इस गीत को सुनकर नौजवानों ने नशीला पदार्थों से तौबा की। इस गीत में पंचायत प्रतिनिधि सरपंचों से आह्वान किया कि ठीकरी पहरा लगा दो। यूपी और टोहाना की सामाजिक संस्थाओं ने गुरूजी को नशे व अन्य सामाजिक बुराईयों के खात्मे के लिए चलाई गई मुहिम पर सम्मान भी दिया।
DEPTH मुहिम को चहुंओर मिल रही सराहना
पूज्य गुरूजी ने 40 दिन के प्रवास के दौरान 143वें कार्य के रूप में ध्यान, योग और स्वास्थ्य द्वारा अखिल भारतीय नशा मुक्ति अभियान (डेप्थ) मुहिम भी चलाई है। गुरूजी ने युवाओं से आह्वान करते हुए कहा कि ऐसा काम करो कि आपकी जवानी देश, समाज के काम आए। नशों में बर्बाद ना करें। गुरूजी ने गणमान्यों से भी अपील की कि अपने-अपने क्षेत्रों में नशा बंद करवाएं। यह दानव जब समाज से भागेगा, तभी हमारा समाज बचेगा। समाज में खुशियां आएंगी। घर-घर में मौतें हो रही हैं। डा. एमएसजी ने फरमाया कि-नशा छोड़ने वालों के लिए अच्छी खुराक का संगत प्रबंध करेगी।
-:DEPTH:-
Drug
Eradication
Pan-India
Through
Health and Meditation
देश के धरती पुत्रों से पराली ना जलाने की अपील
आॅनलाइन गुरूकुल में पूज्य गुरूजी ने देश के धरती पुत्रों से अपील की कि वे खेतों में पराली ना जलाएं, बल्कि उसे खाद में बदलें। पर्यावरण के लिए सबसे बड़ा खतरा पराली को बताया। स्वयं ट्रैक्टर चलाकर किसानों को संदेश दिया कि पराली या गेहूं के फानों को ट्रेक्टर की मदद से जमीन में दबा दिया जाए तो वे जमीन में चले जाएंगे और वह खाद बनाए जाएंगे। ऐसा करने से पराली की समस्या खत्म हो जाएगी। गेहूं और धान की फसल में ये फाने खाद का काम करते हैं। इससे आर्गेनिक खेती तैयार होगी।
इस बार मानवता भलाई के ये काम शुरू किए
पूज्य गुरूजी द्वारा 40 दिन के रूहानी सफर पर इस बार मानवता भलाई के चार नए कार्यों की शुरूआत करके संगत द्वारा की जाने वाली सेवा का दायरा बढ़ाया। नए कार्यों में 143वां कार्य पूरे देश को नशा मुक्त बनाना, 144वां कार्य साध-संगत द्वारा प्रदूषण रहित गाड़ियां चलाना, 145वां कार्य पर्यावरण, वातावरण शुद्धि के लिए रोजाना सुबह-शाम घरों में घी, तेल के दीये जलाना, 146वां कार्य मोबाइल से दूर रहकर शाम 7 से 9 बजे तक परिवार को समय देना और 147वां कार्य नेत्रहीनों की परीक्षाएं देने की सेवा करना है।
एक साथ देखें रूहानी सत्संग
पूज्य गुरु संत डॉ. गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां द्वारा फरमाये गए सभी सत्संग को आप यहां पर देख सकते हैं। क्रम वाइज वीडियों को आप देख सकते हो।
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देखें नए भजन
आपको बता दें कि पूज्य गुरु जी ने तीन नए भजन लॉंच किए है। तीनों भजनों को समाज के लोगों का बहुत प्यार मिला है। पूज्य गुरु जी ने दीपावली के पर्व पर ‘साडी नित दिवाली’, सार्इं शाह मस्ताना जी महाराज के पावन अवतार दिवस पर ‘जोगो दुनिया के लोको’ और 24 नवंबर दिन वीरवार देर सायं को ‘चैट पे चैट’ लॉंच किया। ये सभी भजन सोशल मीडिया पर धूम मचाई हुई है।
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मनमोहक स्वरूप
पूज्य गुरु संत डॉ. गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां ने 40 दिन आॅनलाइन रूहानी सत्संग के दौरान लाखों लोगों का नशा छड़ूवा कर राम-नाम से जोड़ा। आईयें देखते हैं पूज्य गुरु जी के मनमोहक स्वरूप…
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