आर्टेमिस अस्पताल गुरुग्राम में न्यूरो सर्जरी व साइबरनाइफ के डायरेक्टर डॉक्टर आदित्य गुप्ता ने मिर्गी और दिमाग से जुड़ी समस्याओं और प्रभावी इलाज के बारे में दी जानकारी | Baraut News
- साइबरनाइफ रेडियोसर्जरी मिर्गी के इलाज का एडवांस और बेहतर विकल्प
बडौत (सच कहूँ/सन्दीप दहिया)। National Epilepsy Day: बडौत नगर में प्रेसवार्ता कर आर्टेमिस अस्पताल गुरुग्राम में न्यूरो सर्जरी व साइबरनाइफ के डायरेक्टर डॉक्टर आदित्य गुप्ता ने मिर्गी और दिमाग से जुड़ी समस्याओं के कनेक्शन के बारे में जानकारी देने के साथ उन्हें कंट्रोल करने और सबसे प्रभावी इलाज के बारे में जानकारी दी। उन्होंने बताया कि मिर्गी में बार-बार दौरे आते हैं। आमतौर पर ये किसी अंतर्निहित न्यूरोलॉजिकल समस्या का लक्षण होता है। ऐसा ही एक कनेक्शन ब्रेन ट्यूमर, ब्रेन में टिशू की असामान्य वृद्धि के साथ होता है। Baraut News
उन्होने बताया कि विभिन्न केसों में जो लोग ब्रेन ट्यूमर से ग्रसित होते हैं उन्हें मिर्गी का खतरा सबसे ज्यादा रहता है। ऐसे में अगर किसी को मिर्गी के दौरे पड़ते हैं तो ट्यूमर के प्रारंभिक संकेत भी हो सकते हैं। इसी तरह, धमनी शिरापरक विकृतियां यानी एवीएम एक ऐसी स्थिति है जहां ब्रेन में रक्त वाहिकाएं उलझ जाती हैं और उनके टूटने का खतरा होता है। इस स्थिति में मिर्गी के दौरे भी हो सकते है।
जागरूकता बढ़ाना, सबसे प्रभावी कदम | Baraut News
मिर्गी और दिमाग से जुड़ी अन्य बीमारियों के बीच स्पष्ट लिंक के बावजूद इस विषय पर सार्वजनिक जागरूकता आमतौर पर कम ही नजर आती है। इन कनेक्शनों के बारे में जानकारी देकर लोगों को सशक्त बनाने की जरूरत है। ताकि स्थिति की शुरुआती पहचान और हस्तक्षेप संभव हो सके। सामुदायिक कार्यक्रम कराए जाएं, जानकारी देने वाले अभियान चलाए जाएं।
इलाज में चुनौतियां और साइबरनाइफ सर्जरी की भूमिका
परंपरागत सर्जरी की तुलना में, साइबरनाइफ रेडियोसर्जरी में किसी तरह के चीरे या कट की जरूरत नहीं होती। इसमें रेडिएशन की किरणों का इस्तेमाल कर ट्यूमर वाले एरिया को टारगेट किया जाता है। ये नॉन इनवेसिव सर्जरी खासकर ब्रेन ट्यूमर और एवीएम के मामले में काफी फायदेमंद होती है। इसमें ट्यूमर के आसपास के हिस्सों को नुकसान नहीं पहुंचता है और हेल्दी टिशू डैमेज नहीं होते हैं। Baraut News
मिर्गी को ठीक करने में साइबरनाइफ सर्जरी का इस्तेमाल
मिर्गी के जिन मरीजों के दौरे ब्रेन ट्यूमर या एवीएम से संबंधित होते हैं, उन मामलों में साइबरनाइफ रेडियोसर्जरी एक बेहतर विकल्प होता है। इससे प्रभावित क्षेत्र में रेडिएशन से टारगेट किया जाता है जो ट्यूमर को सिकोड़ने या खत्म करने में मदद करता है और इससे एवीएम टूटने का जोखिम भी कम होता है। साइबरनाइफ प्रक्रिया से इलाज के बाद मरीज की रिकवरी तेजी से होती है और मरीज बहुत आसानी से अपनी रोज की गतिविधियों में लौट जाते हैं।
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