पंजाब में रोजगार का संकट, बेरोजगारी दर 7.4%

Youth Unemployment

कांग्रेस के सत्ता संभालने के वक्त मार्च 2017 में बेरोजगारी 2.6% थी

 यदि हर घर को मिला रोजगार तो क्यों है बेरोजगारों का हाल बेहाल

सच कहूँ/अश्वनी चावला, चंडीगढ़। पंजाब के घर-घर रोजगार देने के बड़े-बड़े दावे करने वाली अमरेन्द्र सिंह की सरकार के सभी दावे गलत साबित हो रहे हैं, क्योंकि सत्ता संभालने के वक्त बेरोजगारी दर 2.6 प्रतिशत थी। अब चार साल बाद यह बेरोजगारी दर तीन गुणा बढ़कर 7.4 प्रतिशत हो गई है।

अमरेन्द्र सिंह की सरकार में पंजाब में बेरोजगार युवाओं की संख्या में अथाह विस्तार हुआ है। जिससे स्पष्ट है कि पंजाब में युवाओं को संतुष्टिजनक रोजगार नहीं मिल रहा। इस मामले में सरकार का कोई भी नुमाइंदा भी कुछ कहने को तैयार नहीं है कि आखिर युवाओं की बेरोजगारी में इतनी बुरी हालत क्यों है?

जानकारी के अनुसार पिछले 10-12 वर्षों से पंजाब में बेरोजगार की समस्या गंभीर होती जा रही है। भारी संख्या में युवा दूसरे राज्यों या फिर विदेशों को भाग रहे हैं। यही कारण है कि कांग्रेस पार्टी शिअद व भाजपा गठबंधन सरकार को लगातार 10 साल घेरती रही थी। विगत विधान सभा चुनाव 2017 में कांग्रेस पार्टी ने बेरोजगारी को बड़ा मुद्दा भी बनाया था।

बेरोजगारों को रोजगार देने का वायदा करते हुए अमरेन्द्र सिंह ने घर-घर रोजगार का नारा दिया था। बेरोजगार युवाओं को उम्मीद बंधी थी कि अमरेन्द्र सिंह सत्ता में आने के बाद उन्हें रोजगार देंगे। सत्ता में आने से पूर्व लाखों की संख्या में फार्म भरे गए तो सत्ता में आने के बाद अमरेन्द्र सिंह की सरकार ने सरकारी नौकरी के साथ ही प्राईवेट नौकरी के मेले भी लगाए लेकिन बेरोजगारों की समस्या ज्यों की त्यों बरकरार है।

अब तो अकाली-भाजपा सरकार के समय की अपेक्षा ज्यादा बुरा हाल हो गया है। अकाली-भाजपा ने जब मार्च 2017 में सरकार छोड़ी थी तब पंजाब में 2.6 प्रतिशत बेरोजगारी दर थी, जबकि मौजूदा सरकार में 7.4 प्रतिशत बेरोजगारी दर चल रही है।

कब कितनी रही पंजाब में बेरोजगारी दर?

माह                 बेरोजगारी दर
मार्च 2017          2.6 %
मार्च 2018           9.0 %
मार्च 2019           9.8 %
मार्च 2020           7.4 %

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