वार्ड-2 प्रोपर्टी टैक्स अदा करने में अव्वल, वार्ड-15 फिसड्डी
सच कहूँ/सुभाष, ऐलनाबाद। अमूमन जो एरिया नगर निकाय व नगर पालिका के अधीन आता है, उसका प्रत्येक प्रॉपर्टी मालिक को हाउस टैक्स अदा करना पड़ता है जो नगर पालिका के खाता में जमा होता है। ऐसे में अगर हम ऐलनाबाद में निजी व सरकारी प्रोपर्टी (Private and Government Properties) टैक्स अदा करने व बकाया की बात करे तो ऐलनाबाद का वार्ड नम्बर-2 जहां टैक्स अदा करने में प्रथम स्थान पर है, वही वार्ड-15 अंतिम स्थान पर विराजमान है।
अगर हम सरकारी कार्यालयों के बात करें तो प्रॉपर्टी टैक्स अदा करने में वह भी पीछे नहीं है। कोपरेटिव सोसाइटी का प्रॉपर्टी टैक्स सबसे कम 30,360 रुपए है जबकि सबसे अधिक जनस्वास्थ्य विभाग का है जो कि 4 करोड़ 89 लाख 75 हजार 802 रुपए बकाया है। अगर हम आंकड़ों की बात करें तो निजी प्रोपर्टी का बकाया टैक्स 11 करोड़ 87 लाख 90 हजार 235 रुपए व सरकारी प्रोपर्टी का 6 करोड़ 18 लाख 52 हजार 80 रुपए है। अगर हम निजी व सरकारी प्रॉपर्टी को मिला दें। तो यह अब तक कुल बकाया 18 करोड़ 6 लाख 42 हजार 315 रुपए बनता है। उपरोक्त जानकारी नगर पालिका सचिव द्वारा सूचना का अधिकार अधिनियम के तहत प्राप्त की गई है।
जानकारी अनुसार वार्ड वाइज बकाया टैक्स
- वार्ड-1 14,87,301 रुपए
- वार्ड-2 2,94,926 रुपए
- वार्ड -3 63,80,868 रुपए
- वार्ड-4 40,27,373 रुपए
- वार्ड-5 50,70,276 रुपए
- वार्ड-6 18,87,988 रुपए
- वार्ड-7 28,90,561 रुपए
- वार्ड-8 9,70,853 रुपए
- वार्ड-9 15,54,049 रुपए
- वार्ड-10 73,30,379 रुपए
- वार्ड-11 39,72,678 रुपए
- वार्ड-12 69,73,119 रुपए
- वार्ड-13 89,00,799 रुपए
- वार्ड-14 21,87,470 रुपए
- वार्ड-15 5,50,78,226 रुपए
- वार्ड-16 26,52,234 रुपए
- वार्ड-17 71,31,135 रुपए
कुल: 11 करोड़ 87 लाख 90 हजार 235 रुपए
सरकारी विभाग की तरफ बकाया प्रोपर्टी टेक्स
- पीडब्लूरेस्ट हाउस: 40,05,525
- बस स्टैंड 7,04,464
- बिजली बोर्ड 18,18,828
- कोपरेटिव सोसायटी 30,360
- डीएफसीएस 1,78,200
- हैफेड 50,474
- फूड सप्लाई 1,50,203
- हरियाणा वेयरहाउसिंग 2,29,300
- पुलिस स्टेशन 39,64,356
- डीएसपी ऑफिस 1,78,200
- पुलिस रेसिडेंस 5,600
- पब्लिक हेल्थ 4,89,75,802
- मार्किट कमेटी 15,60,768
कु ल 6 करोड़ 18 लाख 52 हजार 080
मुख्यमंत्री को भेजी जाएगी सूचि: सरदाना
सूचना का अधिकार जागृति मंच के अध्यक्ष एडवोकेट सुरेंद्र सरदाना ने बताया कि मांगी गई आरटीआई के मुताबिक नगर पालिका सचिव ने बकाया प्रोपर्टी (Private and Government Properties) टैक्स के लिए सरकारी भवनों को प्रति वर्ष बिल व नोटिस तथा निजी प्रॉपर्टी मालिकों को टैक्स जमा करवाने के लिए नोटिस भिजवाए जाते हैं यह बात भी मानी है।
उन्होंने नगर पालिका अधिकारियों पर सवालिया निशान लगाते हुए कहा कि जब निजी व सरकारी कार्यालयों की तरफ नगरपालिका का करोड़ों रुपए प्रोपर्टी टेक्स बकाया है तो इस के लिए आखिर जिम्मेवार कौन है। उन्होंने बताया कि उक्त सभी बकाया टैक्स की जानकारी वह प्रदेश के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर व निदेशक हरियाणा निकाय विकास विभाग को देंगे।
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