सीएम विडो में शिकायत के बाद एसडीएम अश्वनी कुमार ने करवाई थी फोरेंसिक जांच (Revealed in Investigation)
सच कहूँ/राजमीत इन्सां डबवाली। डबवाली नगर परिषद् ने कूड़ा प्रबंधन की आड़ में कब्रों को खोदकर जो कंकाल बाहर फेंके थे। वो किसी जानवर के नहीं बल्कि इंसान के थे। ये खुलासा (Revealed in Investigation) फोरेंसिक जांच की रिपोर्ट में हुआ है। फोरेंसिक एक्सपर्ट का कहना है कि एक कंकाल एक साल के बच्चे का है जबकि दूसरा कंकाल 18-19 वर्ष के युवक का हो सकता है। यह भी बताया है कि दोनों कंकाल एक साल पुराने हैं।
फोरेंसिक जांच रिपोर्ट के बाद नगर परिषद् ईओ सुमन लता, एक्सईएन राकेश पूनिया, सचिव ऋषिकेश चौधरी की मुश्किलें अब बढ़ सकती हैं। अभी तक यही समझा जा रहा था कि कूड़ा प्रबंधन के लिए दीवार की नींव भरते समय बाहर निकले कंकाल किसी जानवर के हैं। डबवाली के गो-सेवक राम लाल बागड़ी ने 6 दिसंबर को सीएम विंडो पर इस मामले को शिकायत दर्ज करवाई थी जिसके बाद एसडीएम अश्वनी कुमार ने सत्यता जानने के लिए कंकाल की फोरेंसिक जांच करवाई है। जिसमें ये खुलासा हुआ।
ये है पूरा मामला
बता दें कि मामला रामबाग के समीप नगर परिषद् की करीब 12.50 एकड़ जमीन है। जिस पर 7 एकड़ भूमि पर नगर परिषद् की ओर से वर्षों से कूड़ा डंपिग स्टेशन बनाया हुआ है। शेष भूमि पर रामबाग बना है। कूड़ा डंपिग स्टेशन तक पहुंचने के लिए दोनों रास्ते बंद हो चुके हैं। ऐसे में नगर परिषद् ने रामबाग से 27 फीट चौड़ी, 300 फीट लंबी जगह की मांग की थी। ताकि गंदगी का निपटान हो सके। रामबाग प्रबंधक कमेटी ने सहमति दे दी थी। इसके बदले नगर परिषद् ने 27 फीट जगह एक्वायर करने के लिए कब्रों को खोदकर दीवार की नींव भर दी।
प्रशासनिक अधिकारियों पर होनी चाहिये कार्रवाई
शिकायतकर्ता राम लाल बागड़ी का आरोप है कि रामबाग में गैर कानूनी तरीके से खुदाई करके दफनाएं शवों को बाहर निकालकर फेंक दिया गया। इससे समाज के लोगों की भावनाओं को ठेस पहुंची है। इस मामले में नगर परिषद् ने घिनौना अपराध किया है। नगर परिषद की ईओ, एमई, सचिव आदि आरोपियों के खिलाफ केस दर्ज कर कानूनी कार्रवाई होनी चाहिए।
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