इको ग्रीन कंपनी की पहल पर बनेगा संयंत्र
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वेस्ट-टू एनर्जी प्लांट की क्षमता 25 मेगावाट बिजली उत्पादन की होगी
सच कहूँ/संजय मेहरा, गुरुग्राम। आपके घर से निकलने वाला कूड़ा आपके लिए सिर्फ कूड़ा हो सकता है, लेकिन आप यह नहीं जानते कि वह बहुत कीमती होता है। आपको आश्चर्य होगा कि अब इस कूड़े का सदुपयोग करके इससे बिजली उत्पादन (वेस्ट टू एनर्जी) किया जाएगा। यह भारत का पहला सबसे बड़ा प्लांट होगा, जहां 25 मेगावाट बिजली पैदा होगी। मुख्यमंत्री मनोहर लाल शुक्रवार 10 दिसम्बर 2021 को कूड़े से बिजली बनाने के संयंत्र का शिलान्यास करेंगे।
21वीं सदी का हिन्दुस्तान हर क्षेत्र में आगे कदम बढ़ा रहा है। सिंगापुर, पैरिस और बैंकॉक की चकाचौंध वाला गुरुग्राम आधुनिकता की झलक दिखाते हुए हर किसी को अपनी ओर आकर्षित करता है। गुरुग्राम के साथ लगती औद्योगिक नगरी कहलाने वाला शहर फरीदाबाद भी कई मायनों में महत्वपूर्ण है। इन पर खूबियों के बीच कूड़ा-कर्कट हमारे वातावरण को खराब कर रहा है।
बंधवाड़ी में बन चुका है कूड़े का पहाड़
बंधवाड़ी में इस समय गुरुग्राम-फरीदाबाद से निकलने वाला कूड़े का पहाड़ खड़ा हो चुका है, जिससे आसपास के क्षेत्रों में गंदगी से उठने वाली बदबू से लोगों को परेशानी होती है। कई बार बंधवाड़ी गांव के लोगों ने भी यहां कूड़ा डंपिंग का विरोध किया। ऐसे में इसका निष्पादन करने के लिए इको ग्रीन कंपनी ने इसी साइट पर बिजली संयंत्र लगाने की योजना तैयार की है। बंधवाड़ी में रोजाना दोनों शहरों का मिलाकर कुल करीब 1900 टन कूड़ा पहुंचाया जाता है। इस समय बंधवाड़ी में करीब 32 लाख टन पुराना कूड़ा पड़ा है।
कूड़े का होगा सदुपयोग
गुरुग्राम और फरीदाबाद से बंधवाड़ी पहुंचने वाला करीब 1900 टन कूड़ा साइट पर ही ट्रीट किया जाएगा। सबसे पहले कूड़े को एक वेस्ट प्रोसेसिंग पिट में डाला जाएगा। वेस्ट प्रोसेसिंग पिट में करीब छह दिन कूड़ा पड़ा रहने के बाद उसे अलग-अलग किया जाएगा। सक्रिय कचरे को ज्वलनशील, कम्पोस्टेबल, रिसाइकिल करने योग्य और निष्क्रिय कचरे को ट्रीटमेंट प्लांट में अलग कर दिया जाएगा। फिर इस आरडीएफ को बॉयलर में जलाया जाएगा, जिससे निकलने वाली फ्ल्यू गैस को गाइडलाइंस के अनुसार वातावरण में छोड़ा जाएगा। वहीं कूड़े से निकलने वाले पानी को स्टीम में बदला जाएगा। स्टीम को टर्बाइन चलाने के लिए यूज किया जाएगा। जनरेटर टर्बाइन से कनेक्टिड होता है, जिससे बिजली उत्पन्न होगी। इसके बाद बिजली को ग्रिड द्वारा सप्लाई किया जाएगा।
कम्पोस्टेबल अंश से बनेगी कम्पोस्ट खाद
इस प्रक्रिया में कम्पोस्टेबल का जो अंश बचेगा, उसका उपयोग कम्पोस्ट खाद बनाने के लिए किया जाएगा। इस संयंत्र के लगने के बाद घरों से निकलने वाला किसी भी तरह का कूड़ा ना तो पहाड़ बनकर सड़ेगा और ना ही अरावली के पर्यावरण को नुकसान पहुंचाएगा। उस कूड़े को सौ प्रतिशत लोगों के हित के लिए ही खपाया जाएगा। कूड़े से उत्पन्न की जाने वाली बिजली मिलेनियम सिटी की रातों को रोशन करेगी।
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