डीएचबीवीएन के मीडर रीडर की कार्यशैली भी सवालों के घेरे में | Electricity Department
- 750 रीडिंग चली, निगम ने वसूला 1012 यूनिट तक बिल
गुरुग्राम (सच कहूँ/संजय मेहरा)। बिजली विभाग (Electricity Department) द्वारा बिलों के नाम पर उपभोक्ताओं की जेबों पर डाका डाला जा रहा है। अनाप-शनाप बिल भेजे जा रहे हैं। एक उपभोक्ता के मीटर में अभी यूनिट 750 भी नहीं हुई हैं, जबकि बिल 1012 यूनिट तक का भेजकर पैसे जमा करा लिये हैं। नियमित तौर पर इस उपभोक्ता का दो माह का बिल 1000 रुपये से भी कम आ रहा है, उसका अब तक दो बार बिल करीब 3000 रुपये भेजा जा चुका है।
बिजली मंत्री तक इसकी शिकायत उपभोक्ता द्वारा की जा रही है, ताकि लापरवाह अधिकारियों, कर्मचारियों पर सख्त कार्रवाई हो। दक्षिण हरियाणा बिजली वितरण निगम लिमिटेड (डीएचबीवीएन) मानेसर उप-मंडल के अंतर्गत सेक्टर-36 स्थित एवीएल36ए सोसायटी के टावर-19 में अंजना बंसल के फ्लैट नंबर-203 का मीटर जुलाई 2020 में लगा था। जिसका अकाउंट नंबर-जी31-एसएच-01-4593 है।
80 यूनिट का बिल 964 रुपये | Electricity Department
उपभोक्ता का बिजली मीटर 24 जुलाई 2020 से एक यूनिट के साथ शुरू हुआ था। 24 जुलाई से एक अक्टूबर 2020 के बीच का 80 यूनिट का बिल 964 रुपये भेजा गया। शुरूआत के चार बिल तक तो यूनिट ठीक देते रहे, लेकिन पांचवां बिल (एक अप्रैल 2021 से एक जून 2021 के बीच का) 659 यूनिट खपत दिखाकर 2897 रुपये भेजा गया। इस बिल में पुरानी 281 यूनिट से बढ़ाकर 940 यूनिट (रीडिंग) दिखाई गई है। इस समय अंतराल में उपभोक्ता का फ्लैट बंद रहा।
719 यूनिट ही खपत हुई | Electricity Department
फिर भी इतना भारी-भरकम बिल भेज दिया गया। गौर करने लायक बात यह है कि अप्रैल से जून 2021 तक 940 यूनिट खपत दिखाई गई, जबकि मीटर में अब चार महीने बाद भी 23 अक्टूबर 2021 तक 719 यूनिट ही खपत हुई हैं। एक जून 2021 से एक अगस्त 2021 के बीच के बिल में यूनिट 940 से बढ़ाकर 1012 दिखा दी। अब एक अगस्त से एक अक्टूबर के बीच की यूनिट 1012 से 666 दिखा दी हैं। इसमें खपत यूनिट 660 दिखाकर 2931 रुपये का बिल भेजा है।
मीटर रीडर की कार्यप्रणाली पर यहां सवाल उठ रहे हैं | Electricity Department
उपभोक्ता के मीटर में 23 अक्टूबर 2021 रविवार रात तक यूनिट 719 थी, जबकि बिजली विभाग द्वारा बिल में यूनिट 1012 अंकित की गई है। अब सवाल यह उठता है कि वर्तमान में मीटर यूनिट 719 है तो फिर अप्रैल 2021 से जून 2021 के बीच की रीडिंग 940 और 1012 कैसे हो गई। मीटर रीडर की कार्यप्रणाली पर यहां सवाल उठ रहे हैं।
बिजली मंत्री से अधिकारियों पर कार्रवाई की मांग
उपभोक्ता ने बिजली विभाग के अधिकारियों और बिजली मंत्री से अपने दो बार के बढ़े हुए बिल की जांच कराने और जमा करवाई गई अधिक राशि वापस देने की मांग की है। साथ ही कहा है कि जब बिल ना भरने पर उपभोक्ता को जुमार्ना देना पड़ता है तो फिर इस लापरवाही पर भी अधिकारियों, कर्मचारियों पर कार्रवाई हो। प्रदेश के बिजली मंत्री रणजीत सिंह चौटाला यह बात कह चुके हैं कि अगर बिजली के बिलों में किसी तरह ही गड़बड़ी होती है तो संबंधित अधिकारियों के खिलाफ एक्शन होगा।
मीटर लगने से अब तक की यूनिट व बिल अमाउंट | Electricity Department
- 24 जुलाई 2020 से एक अक्टूबर 2020 के बीच 80 यूनिट का बिल 964 रुपये
- एक अक्टूबर 2020 से एक दिसम्बर 2020 के बीच 39 यूनिट का बिल 872 रुपये
- एक दिसम्बर 2020 से एक फरवरी 2021 के बीच 89 यूनिट का बिल 921 रुपये
- एक फरवरी 2021 से एक अप्रैल 2021 के बीच 72 यूनिट का बिल 914 रुपये
- एक अप्रैल 2021 से एक जून के 2021 के बीच 659 यूनिट का बिल 2897 रुपये
- एक जून 2021 से एक अगस्त 2021 के बीच 72 यूनिट का बिल 950 रुपये
- एक अगस्त 2021 से एक अक्टूबर 2021 के बीच 660 यूनिट का बिल 2931 रुपये
‘‘कोई टेक्नीकल फाल्ट हो सकता है। बहुत सी तकनीकियां हैं, जिसके कारण कई बार रीडिंग ठीक रीड नहीं हो पाती। अगर अधिक बिल आया है और रीडिंग कम हैं तो उसकी जांच की जाएगी।’’
-मनोज यादव, एसई, डीएचबीवीएन, गुरुग्राम
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