नई दिल्ली (एजेंसी)। तापीय बिजली घरों को चलाने के लिए 12 राज्यों में कोयले के कम भंडार की स्थिति की वजह से बिजली संकट पैदा हो सकता है। अप्रैल महीने के पहले पखवाड़े में ही घरेलू स्तर पर बिजली की मांग बढ़कर 38 साल के उच्चस्तर पर पहुंच गई है। दुबे ने कहा कि अक्टूबर 2021 में बिजली की आपूर्ति मांग से 1.1 प्रतिशत कम थी, लेकिन अप्रैल 2022 में यह फासला बढ़कर 1.4 फीसदी हो गया है। इसका नतीजा यह हुआ है कि आंध्र प्रदेश, महाराष्ट्र, गुजरात, पंजाब, झारखंड एवं हरियाणा जैसे राज्यों में बिजली कटौती होने लगी है।
उत्तर प्रदेश में भी बिजली की मांग बढ़कर 21,000 मेगावॉट पर पहुंच गई है लेकिन आपूर्ति सिर्फ 19,000-20,000 मेगावॉट की ही हो रही है। इसके अलावा कुछ राज्यों द्वारा कोयला कंपनियों को भुगतान में देरी की वजह से भी कोयला आपूर्ति प्रभावित हुई है। भारत में गुरुवार को बिजली की मांग 201 गीगावाट तक पहुंच गई। वहीं, इस दौरान देशभर में 8.2 गीगावाट की कमी भी दर्ज की गई। बताया जा रहा है कि आने वाले समय में भारत में बिजली संकट और गहरा सकता है।
आईयें जानते हैं राज्यों के हालात?
राज्य | मांग पूरी हुई (मेगावाट में) | शार्टिज (मेगावाट में) | शार्टिज |
यूपी | 2951 | 65.12 | 2.16 |
हरियाणा | 1089.4 | 90.54 | 7.67 |
उत्तराखंड | 290 | 23.81 | 7.59 |
राजस्थान | 1824 | 193.75 | 9.6 |
जम्मू-कश्मीर, लद्दाख | 289.3 | 38.2 | 11.62 |
बिहार | 798.8 | 30.29 | 3.65 |
झारखंड | 216 | 45.27 | 17.28 |
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