न्यायाधीश एस ए बोबडे की अध्यक्षता वाली
खंडपीठ के समक्ष मामले का विशेष उल्लेख किया (Supreme court)
नई दिल्ली (एजेंसी)। उच्चतम न्यायालय चुनाव आयुक्तों को संवैधानिक संरक्षण देने संबंधी (Supreme court) याचिका पर चार सप्ताह बाद सुनवाई करेगा। याचिकाकर्ता भाजपा नेता अश्विनी उपाध्याय ने मंगलवार को मुख्य न्यायाधीश एस ए बोबडे की अध्यक्षता वाली खंडपीठ के समक्ष मामले का विशेष उल्लेख किया तथा त्वरित सुनवाई का अनुरोध किया। उपाध्याय ने दलील दी कि यह जनहित याचिका अंतिम बार सितंबर 2018 में सूचीबद्ध हुई थी, उसके बाद इस याचिका को सूचीबद्ध नहीं किया गया। इस पर न्यायमूर्ति बोबडे ने कहा कि याचिका की सुनवाई चार सप्ताह बाद होगी।
इसका मतलब है कि याचिका जनवरी 2020 के पहले सप्ताह में सूचीबद्ध होगी
उपाध्याय की याचिका में चुनाव आयुक्तों को संवैधानिक संरक्षण प्रदान करने तथा हटाये जाने की प्रक्रिया मुख्य चुनाव आयुक्त (सीईसी) के समान करने की मांग की गई है। याचिका में चुनाव आयोग को लोकसभा और राज्यसभा की तरह एक स्वतंत्र सचिवालय प्रदान करने और बजट में उसके लिए अलग से विशेष प्रावधान करने का केंद्र सरकार को निर्देश देने की मांग की गई है। याचिकर्ता ने चुनाव आयुक्तों की नियुक्तियों के लिए कॉलेजियम प्रणाली सुनिश्चित करने की भी मांग की है, जिसमें प्रधानमंत्री, भारत के मुख्य न्यायाधीश और लोकसभा में विपक्ष का नेता शामिल हो।
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