कैराना। प्रेम व भाईचारे का प्रतीक पर्व ईद-उल-फितर नगर एवं क्षेत्र में हर्षोल्लास के साथ मनाया गया। इस अवसर पर विभिन्न मस्जिदों व ईदगाहों में अकीदत के साथ ईद की नमाज अदा की गई। नमाज के उपरांत अकीदतमंदों ने खुदा की बारगाह में हाथ उठाकर विश्व शांति, राष्ट्र एकता एवं अखंडता, उन्नति व खुशहाली आदि की विशेष दुआएं मांगी। वहीं, डीएम व एसपी ने भी कैराना पहुंचकर व्यवस्थाओं का जायजा लिया तथा लोगो को ईद की मुबारकबाद पेश की।
सोमवार को प्रेम व भाईचारे का प्रतीक पर्व ईद-उल-फितर श्रद्धा, उल्लास व सौहार्द के साथ मनाया। इस अवसर पर कस्बे के प्राचीन ईदगाह के मैदान पर जामा मस्जिद के खतीब मौलाना ताहिर हसन ने लोगो को ईद की नमाज अदा कराई। उन्होंने खिताब करते हुए कहा कि इस्लाम में अखलाक को बड़ा दर्जा दिया गया है, जिसमें एक इंसान की कीमत दरख्त के मानिंद हैं। जिस प्रकार हर दरख्त की उसके फल से असल पहचाान होती है, उसी प्रकार अखलाक से अच्छे इंसान की पहचान दु:ख-दर्द में काम आना और आपसी मुहब्बत से जाहिर होती है। उन्होंने कहा कि पवित्र कुरआन में फरमाया गया है कि जो दूसरों को तकलीफ पहुंचाएं, ऐसे इंसान को इंसान कहलाने का हक नहीं और उन्हें जानवर से भी बदतर कहा गया है। लिहाजा, सबके साथ में अच्छा सुलूक करना चाहिए।
कोई यदि तकलीफ पहुंचाता है, तो उसे तकलीफ नहीं, बल्कि माफ कर देना चाहिए। बुराई का बदला भलाई से दो। उन्होंने कहा कि दिल में किन्हा और हसद रखने वाले की जिंदगी से सुकून खत्म हो जाता है। हजरत पैगंबर साहब अपने अखलाक से ही लोगों का दिल जीत लेते थे, जिन्होंने दुश्मनों के साथ में भी अच्छा बर्ताव किया, अच्छे अखलाक से पूरी दुनिया में इस्लाम फैलाया। उन्होंने इस्लाम के बताए रास्तों पर चलने की ताकीद की। वहीं, मौलाना आकिल ने अपने खिताब में कहा कि इस्लाम में तालीम पर विशेष जोर दिया गया है। उन्होंने कहा कि इस्लाम के नुमाइंदों के लिए दीन के अलावा आधुनिकता की तालीम भी आवश्यक है। क्योंकि मनुष्य के जीवन को सहज एवं सरल बनाने ने आधुनिक तालीम की अहम भूमिका है। उन्होंने बच्चों को बेहतर शिक्षा तथा उच्च संस्कार देने तथा नशों की गिरफ्त से बचाने का आह्वान किया। प्राचीन ईदगाह के अलावा कस्बे की जामा मस्जिद, शिया जामा मस्जिद, शामली बस अड्डे वाली मस्जिद, शाही दरबार वाली मस्जिद, मदरसा इशातुल इस्लाम वाली मस्जिद समेत विभिन्न गांवों की प्रमुख मस्जिदों तथा ईदगाहों में भी ईद की नमाज अकीदत-ओ-एहतराम के साथ अदा की गई। इस दौरान अकीदतमंदों ने हाथ उठाकर विश्व शांति, राष्ट्र एकता एवं अखंडता, उन्नति, खुशहाली आदि के लिए विशेष दुआएं मांगी।
कैराना पहुंचे डीएम व एसपी, परखी व्यवस्था
ईद के त्योहार को शांतिपूर्ण संपन्न कराने के लिए पुलिस-प्रशासन की ओर से कड़े इंतजामात किए गए थे। एसडीएम स्वप्निल कुमार यादव, सीओ श्यामसिंह, सीओ(अंडर ट्रेनिंग) जितेन्द्र कुमार, कोतवाली प्रभारी निरीक्षक बिजेन्द्र सिंह रावत मय पुलिस टीम के ईदगाह पर मुस्तैद नजर आए। वही, ईद के डीएम अरविंद चौहान व एसपी रामसेवक गौतम भी कैराना पहुंचे। जहां पर उन्होंने ईदगाह मैदान पर पहुंचकर स्थानीय प्रशासन द्वारा की गई व्यवस्थाओं का गहनता से निरीक्षण किया। दोनों अधिकारियों ने ईदगाह मैदान पर नमाज अदा करने आए अकीदतमंदों को ईद-उल-फितर की मुबारकबाद भी दी गई। उधर, नगरपालिका परिषद द्वारा ईदगाह व विभिन्न मस्जिदों के आसपास साफ-सफाई कराकर कली-चूना डलवाया गया था। इसके साथ ही पेयजल की व्यवस्था भी कराई गई थी।
नए कपड़े पहनकर ईदगाह पहुंचे अकीदतमंद
ईद-उल-फितर पर सबसे ज्यादा उत्साह युवाओं और बच्चों में देखने को मिला। अकीदतमंद सुबह से ही नए कपड़े पहनकर ईदगाह में पहुंचने शुरू हो गए थे। इसके अलावा अकीदतमंदों ने ईदगाह में जाकर अपनी जगह ली। जहां पर मुसल्ले और चटाई, सफें बिछाकर नमाज अदा की गई। नमाज अदा कर खुतबा सुनने के बाद ही अकीदतमंद ईदगाह से चले गए।
एक-दूसरे को गले लगाकर भुला दिए सब शिकवे गिले
ईद की नमाज अदा करने के उपरांत अकीदतमंदों ने एक-दूसरे के गले मिलकर सारे गिले शिकवे दूर किये तथा ईद की मुबारकबाद पेश की। वहीं, हिंदू समुदाय के लोगो ने भी मुस्लिम भाइयों के घर पहुंचकर ईद की शुभकामनाएं ज्ञापित की तथा ईद के अवसर पर आयोजित पार्टी में शामिल हुए।
मेले में बच्चों व युवाओं ने जमकर की खरीदारी
ईदगाह स्थल पर विशाल मेले का भी आयोजन किया गया। जहां पर खेल-खिलौने, मिष्ठान आदि विभिन्न प्रकार की दुकानें सजी हुई नजर आई। मेले को लेकर सबसे ज्यादा उत्साह युवाओं और बच्चों में देखने को मिला। मेले में बच्चों व युवा वर्ग ने जमकर खरीदारी भी की।