पाम ऑयल आयात पर रोक का दिखने लगा है असर

Effect of ban on palm oil imports is visible

रसोई का तड़का हुआ महंगा (Effect of Ban on Palm Oil)

  • सरसों का तेल हुआ 133 रुपये लीटर वनस्पति घी पहली बार हुआ 113 रुपये लीटर

सच कहूँ/सुनील वर्मा सरसा। सरसों के तेल व वनस्पति घी के रेटों में लगातार बढ़ोत्तरी हो रही है। इससे सब्जी में लगने वाले तड़के के स्वाद को फीका कर दिया है। पॉम ऑयल, वनस्पति घी, पीली घानी सरसों के तेल की कीमतों में हुई एकाएक वृद्धि ने रसोई का बजट बिगाड़ दिया है। पिछले कुछ दिनों में सरसों के तेल में 23 रुपये तक की बढ़ोत्तरी व वनस्पति घी के दामों में 20 रुपये तक की एक माह में वृद्धि हुई है। रसोई का बजट बिगड़ने से गृहणिया खासी परेशान हैं। दूसरी ओर अब बाजार में बिकने वाली कचौड़ी और पकौड़ी की लागत बढ़ गई है।

ये है बढ़ोतरी का कारण

जनवरी माह में प्रतिदिन वनस्पति घी व सरसों के तेल में बढ़ोत्तरी हुई है। सरसों तेल के रेट बढ़ने का कारण लगातार मांग में बढ़ोत्तरी होना है। मौजूदा समय में सरसों 5800 रुपये प्रति क्विंटल बिक रही है। सुरेश कुमार-राजिन्द्र कुमार एक्सपेलर के संचालक सुरेश गर्ग ने बताया जिले में सरसों का तेल पिछले 15 दिनों में 110 रुपये से उछलकर 135 रुपये प्रति किलो तक पहुंच गया है। इसका कारण लॉकडाउन में सरसों की फसल की सही तरीके से देखभाल नहीं हो पाना है। इससे तेल की कीमतों में इजाफा हुआ है।

वहीं अंतरराष्ट्रीय बाजार में पॉमऑयल की कीमत में लगातार वृद्धि हो रही है। इसका प्रभाव भी तेल के दामों पर पड़ रहा है। इसी के साथ वनस्पति घी के रेटों में बढ़ोतरी के बारे में शहर के श्याम इंटरप्रजिज के डीलर मोहन मित्तल ने बताया कि पॉम ऑयल कंपनियों से आयात नहीं हो सका था। उत्पादन भी बंद था। सरकार देश में ही इस घी को बनाने पर जोर दे रही है। इसी के कारण भाव लगातार बढ़े रहे हैं।

ब्रांडेड कंपनी के तेल के रेट एक्सपेलर मील से अधिक

सेवक ट्रेडिंग कंपनी के संचालक संदीप चुघ ने बताया कि सरसों के भाव में आई तेजी के कारण सरसों के तेल के रेट में उछाल है। हालांकि एक्सपेलर मील के रेट कुछ कम है। लेकिन ब्रांडेड कंपनी के सरसों के तेल के रेट इनसे भी अधिक है। शहर में बुधवार को एक्सपेलर मील में सरसों का तेल थ्रोक रेट में 135 रूपये लीटर बिका। वहीं ब्रांडेड कंपनी में एमएसजी का तेल 142, नीला आकाश का 144 व गिनी का करीब 138 रूपये का भाव रहा।

बजट बिगड़ने से गृहणियां परेशान

रसोई का बजट बिगड़ने से गृहणियां खासी परेशान हैं। गृहणी कृष्णा देवी, मधु गांधी, शालू, उर्मिल शर्मा, सरोज वर्मा, कविता रानी आदि ने बताया कि दीपावली से लेकर अब तक सरसों के तेल, रिफाइंड व वनस्पति घी के दामों में भारी बढ़ोत्तरी हुई है। इसने रसोई का बजट बिगाड़ दिया है। उन्होंने बताया कि सरसों के तेल के साथ रिफाइंड व वनस्पति घी की खपत किचन में ज्यादा होती है। सरकार को इसके मूल्य पर नियंत्रण रखना चाहिए। यह आम जन से सीधे जुड़े होने वाले सामान हैं। वहीं गृहणियों ने सरकार से मांग की है कि खाद्य पदार्थ के दाम में नियंत्रण के लिए जिला स्तर पर भी कारगर कदम उठाने चाहिए। वैसे तो बढ़ोत्तरी 10 से 20 रुपये की है। लेकिन बड़े स्तर पर इसका ज्यादा प्रभाव दिखेगा।

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