शिक्षा। पीएचडी में है लड़कियों का ज्यादा रूझान

Education. More Trends in Girls in PhD

शोधकार्य के हब के रूप में उभर रहा है डीसीआरयूएसटी

सच कहूँ/पवन राठी
सोनीपत। दीनबंधु छोटू राम विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय,मुरथल शोध कार्य (Education. More Trends in Girls in PhD) के हब के रूप में अपनी पहचान बना रहा है। इसकी स्पष्ट झलक पीएचडी के लिए 13 राज्यों से आए 583 आवेदनों में स्पष्ट रूप से देखने को मिल रही है। लड़कों की अपेक्षा लड़कियों ने ज्यादा आवेदन किए हैं। पीएचडी के लिए प्रवेश परीक्षा का आयोजन किया गया। जल्द ही प्रवेश परीक्षा का परिणाम घोषित कर दिया जाएगा। डीसीआरयूएसटी ने पीएच.डी के सीटों के लिए आॅन लाइन आवेदन प्रक्रिया प्रारंभ की थी। इसका लाभ यह हुआ कि विश्वविद्यालय में शोध करने के इच्छुकों ने देश भर से पीएचडी के लिए आवेदन किए। पीएच.डी के आवेदनों में लड़कों की अपेक्षा लड़कियों ने ज्यादा आवेदन किए।

विश्वविद्यालय के परीक्षा नियंत्रक डॉ. एमएस.धनखड़ ने बताया कि पीएचडी के लिए 394 लड़कियों ने आवेदन किया। विश्वविद्यालय में प्राप्त आवेदनों में सबसे ज्यादा 101 आवेदन कंप्यूटर साइंस इंजीनियरिंग में आए। जबकि दूसरे नंबर पर फिजिक्स रहा, जिसमें 78 आवेदन प्राप्त हुए। इसके अतिरिक्त प्रबंधन 77, इलैक्ट्रोनिक्स 55 कैमिस्ट्री में आवेदन प्राप्त हुए। जबकि मैकेनिकल इंजीनियरिंग में 49, बायोटेक्नोलॉजी 38 व सिविल इंजीनियरिंग में 33 विद्यार्थियों ने पीएचडी के लिए आवेदन किया। डॉ. धनखड़ ने कहा कि पीएच.डी के लिए प्रवेश परीक्षा के लिए दो परीक्षा केंद्र विश्वविद्यालय में ही बनाए गए थे। जल्द ही पीएचडी प्रवेश परीक्षा का परिणाम घोषित कर दिया जाएगा।

-13 राज्यों से आए पीएचडी के लिए 583 आवेदन
-डीसीआरयूएसटी में हुई पीएचडी के लिए प्रवेश परीक्षा

किस-किस राज्य से आए आवेदन

विश्वविद्यालय में पीएचडी के लिए प्रदेश के आस पास से ही नहीं अपितु उत्तर से दक्षिण व पूर्व से पश्चिम तक आवेदन प्राप्त हुए हैं। विश्वविद्यालय में पं बंगाल,हिमाचल प्रदेश, तेलंगाना, मध्यप्रदेश,पंजाब, आंध्रप्रदेश,राजस्थान, उत्तर प्रदेश, दिल्ली,जम्मू कश्मीर, बिहार, उत्तराखंड व प्रदेश से भी आवेदन प्राप्त हुए हैं।

क्या कहते हैं कुलपति प्रो. अनायत

कुलपति प्रो.राजेंद्रकुमार अनायत ने पीएचडी के लिए आवेदनों का स्वागत करते हुए कहा कि विश्वविद्यालय में बेहतरीन शोध सुविधाएं उपलब्ध करवाई जाती हैं, जिसने पीएचडी के आवेदकों को अपनी ओर आकर्षित किया है। कुलपति प्रो.अनायत ने कहा कि वर्तमान समय में विश्व में वहीं देश विकसित श्रेणी में आते हैं, जिनमें ज्यादा शोध कार्य हुए हैं। शोध पर विशेष जोर देने की आवश्यक्ता है। उन्होंने कहा कि शोध करने का उद्देश्य कल्याणकारी होना चाहिए। शोध करते समय हमें मानव कल्याण व पर्यावरण का विशेष ध्यान रखना चाहिए।

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