जयपुर (वार्ता)। शिक्षा मंत्री मदन दिलावर (Education Minister Madan Dilawar) ने आदिवासियों के डीएनए को लेकर की गई अपनी टिप्पणी पर गुरुवार को राजस्थान विधानसभा (Rajasthan Assembly) में माफी मांग ली। मदन दिलावर ने सदन में प्रश्नकाल शुरु होते ही कहा मैं आदिवासी समाज से आता हूं और महाराणा प्रताप के साथ युद्ध में भी आदिवासियों ने भी सहयोग दिया था। Rajasthan News
अगर आदिवासियों को मेरी बातों से पीड़ा हुई है तो मैं इसके लिए खेद प्रकट करता हूं। उल्लेखनीय है कि दिलावर की आदिवासियों पर की गई टिप्पणी को लेकर विपक्ष इस बजट सत्र के शुरु होने के दिन से ही उनका सदन में विरोध कर रहे थे और अब श्री दिलावर के माफी मांगने के बाद सदन में गतिरोध समाप्त हो गया। श्री दिलावर ने एक सवाल के जवाब में कहा था कि आदिवासी हिंदू हैं कि नहीं, यह हमारे यहां वंशावली लिखने वालों से पूछेंगे। अगर वे हिंदू नहीं हैं तो उनका डीएनए टेस्ट करा लिया जायेगा।
कांग्रेस ने बनाई थी रणनीति
3 जुलाई को विधानसभा की कार्यवाही शुरू होने से पहले ही कांग्रेस ने विधायक दल की बैठक करके सदन के अंदर मदन दिलावर को घेरने की रणनीति बनाई थी। इसी के तहत, जब भी शिक्षा मंत्री कुछ भी बोलने के लिए सदन में खड़े होते थे तो विपक्ष के नेता हंगामा करते हुए उनसे माफी मांगने और अपने पद से इस्तीफा देने की मांग करने लगते थे। आलम यह था कि मदन दिलावर की बात कोई सुन ही नहीं पाता था। गुरुवार को भी ऐसा ही हुआ। विधानसभा की कार्यवाही शुरू होते ही शिक्षा मंत्री ने जैसे ही बोलना चाहा तो कांग्रेस नेता हंगाम करने लगे। तभी उन्होंने आदिवासियों से माफी मांगकर गतिरोध समाप्त कर दिया।
ऐसे शुरू हुआ था विवाद | Rajasthan News
यह पूरा विवाद बांसवाड़ा-डूंगरपुर लोकसभा सीट से सांसद राजकुमार रोत द्वारा दिए गए एक बयान पर टिप्पणी से शुरू हुआ था। बीएपी सांसद रोत ने कहा था कि वह आदिवासी समुदाय से आते हैं और हिंदू धर्म समेत संगठित धर्मों से अलग एक विश्वास प्रणाली से जुड़े हुए हैं। फिर रोत के इस बयान पर टिप्पणी करते हुए दिलावर ने कहा था कि अगर बीएपी के नेता अपने आप को हिंदू नहीं मानते तो, उन्हें डीएनए टेस्ट कर देखना चाहिए कि वह हिंदू के बेटे हैं या नहीं । Rajasthan News
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