ग्रीष्मकालीन छुट्टियों की मौलिक शिक्षा विभाग कर रहा है प्रतिदिन समीक्षा
सरसा (सच कहूँ न्यूज)। शिक्षा मौलिक विभाग की ओर से इस बार विद्यार्थियों को बड़ा ही दिलचस्प और रूचिकर होमवर्क (Home Work) दिया गया है। जिसे करने में विद्यार्थी खूब रूचि दिखा रहे हैं। इस बार विद्यार्थी पहाड़ों को रटने की बजाय अभिभावकों के नंबर याद कर रहे हैं। वहीं दूसरी ओर विद्यार्थी इस बार अपने घर की रसोई में जाकर ये जानने का प्रयास कर रहे है उनकी नाना-नानी और दादा-दादी की शादी में कौन से पकवान बने थे। अब की बार शिक्षा विभाग ने कुछ पॉइंट्स तैयार किए हैं। इसके तहत होमवर्क में निबंध, सुलेख, पहाड़े, गिनती दिखने लिखने-रटने के बजाय एक्सपीरियंस लर्निंग पर जोर दिया है। यह काम विद्यार्थी अपने घर वालों की मदद से कर रहे हैं। (School Holiday)
इस समय ग्रीष्मकालीन छुट्टियां चल रही है। जिसमें विद्यार्थी किताबों, पुस्तकों का रट्टा मारने व नोट बुकों को काला करने का काम नहीं कर रहे हैं। बल्कि इस बार विद्यार्थी प्रैक्टिकल वर्क पर ज्यादा ध्यान दे रहे हैं। विद्यार्थी घर में बड़ों की मदद से अपने किसी 10 परिजनों के फोन नंबरों को याद करने का काम कर रहे हैं। वहीं इस दौरान अपने शहर का पिन कोड याद कर रहे हैं। ये सब इन्हें पहली बार गृह कार्य में दिया गया है। (School Holiday)
इस बार नई शिक्षा नीति के तहत विद्यार्थियों को होमवर्क दिया गया है। शिक्षा विभाग का प्रयास है विद्यार्थियों को गर्मी की छुट्टी में रट्टा मारने वाले होमवर्क की बजाय ऐसा होमवर्क दिया जाए, जिससे विद्यार्थियों का सामान्य ज्ञान बढ़े यानी पहले बेसिक क्लियर हो।
– डॉ. कपिल देव, कोआॅर्डिनेटर, एफ एलएन सिरसा।
जान रहे बुजुर्गों की शादी में क्या बने थे पकवान | (School Holiday)
विद्यार्थी गर्मी की छुट्टियों में रसोई में प्रयोग किए जाने वाले विभिन्न तरह के मसालों को सूंघकर और हाथ लगाकर पहचानने का काम कर रहे हैं। इसके साथ ही विद्यार्थी अपने नाना-नानी तथा दादा-दादी से पूछ रहे हैं कि उनकी शादी में कौन-कौन सी मिठाई बनाई गई थी। वहीं घर के बड़े उन्हें समझा रहे हैं कि रसोई में कौन-कौन से मसाले होते हैं और उनका क्या प्रयोग होता है।
वहीं इसके बाद अखबार, टीवी, नहाने के साबुन, रिफ ाइंड तेल, पेय पदार्थ और घर में रखी हुई चीजों की सूची भी बनानी होगी। यह भी देखना होगा कि घर में कितने घंटे तक पंखा चलता है। कार, बाइक रोजाना कितनी चलती है, उसमें एक महीने में कितना तेल का खर्चा हुआ, इन सबका रिकॉर्ड रखना होगा। इस दौरान शिक्षकों को निर्देश दिए गए हैं कि वो बीच-बीच में बच्चों के बारे में उनके परिजनों से फीडबैक लेते रहें।
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