ओट्स यानी जई एक स्वस्थ साबुत अनाज का आदर्श उदाहरण है। यह संतुलित पोषण देने के साथ फाइबर और एंटीआॅक्सिडेंट प्रदान करते हैं और इनमें अन्य अनाज की तुलना में अधिक प्रोटीन व स्वस्थ वसा होती है। डॉ। लक्ष्मीदत्ता शुक्ला का कहना है कि सुबह नाश्ते में ओटमील खाना दिन शुरू करने का एक स्वस्थ और बढ़िया तरीका है। इसमें काबोर्हाइड्रेट और प्रोटीन का सही मिश्रण है जो ऊर्जा देता है। ओट्स फाइबर का अच्छा स्रोत है और साथ ही एक कप ओट्स में 10 ग्राम प्रोटीन भी होता है। ओट्स आखिर किस तरह से स्वास्थ्य के लिए लाभकारी हो सकता है, ये जानना जरूरी है।
हाई बीपी कम करने में करता है मदद
इस बारे डॉक्टर का कहना है कि हाई ब्लड प्रेशर खतरनाक हो सकता है, क्योंकि इससे दिल का दौरा, दिल का रुक जाना और गुर्दे का रोग जैसी बीमारियां हो सकती हैं। रोजाना ओट्स का सेवन करने से हाई ब्लड प्रेशर के स्तर को नियंत्रित करने में मदद मिलती है। कुछ मामलों में तो हाई बीपी वाली दवाओं की जरूरत को कम करने में भी मदद करता है।
वजन कम करने के लिए
जब वजन कम करने की कोशिश कर रहे हैं तो खाने को लेकर तीव्र इच्छा चीजों को कठिन कर देती है, इसलिए जहां तक संभव हो खाने के बाद पेट भरा हुआ महसूस होना चाहिए है। एक बार फिर बीटा-ग्लूकॉन यहां मदद करता है, क्योंकि यह पेप्टाइड वायवाय (पीवायवाय) की रिलीज को बढ़ावा देता है। पीवायवाय एक हार्मोन है जिसे भोजन करने पर आंत रिलीज करती है। यह तृप्ति से जुड़ा एक हार्मोन है और अध्ययनों से पता चलता है कि यह कैलोरी की मात्रा को कम करता है और मोटापे का जोखिम कम करता है।
डायबिटीज में
ब्लड शुगर कम करने की कोशिश कर रहे हैं तो नियमित रूप से ओट्स का सेवन करें। घुलनशील फाइबर के रूप में बीटा-ग्लूकॉन ब्लड शुगर के स्तर के साथ-साथ ग्लूकोज के लिए इंसुलिन की प्रतिक्रिया में भी सुधार करता है। ऐसा इसलिए है क्योंकि बीटा-ग्लूकॉन द्वारा बनाया गया जेल पेट को आंतों में खाली कर देता है।
हल्दी
हल्दी शरीर के इम्यूनिटी पावर को बढ़ाती है। इसमें मौजूद लाइपोपॉलीसकराइड नाम का पदार्थ यह काम करता है। सर्दी, जुकाम या कफ की शिकायत हो तो हल्दी वाला दूध पीना काफी लाभकारी होता है। यह पित्ताशय को उत्तेजित करती है, जिससे पाचन सुधरता है और गैस ब्लोटिंग को कम करती है। रोजाना एक गिलास दूध में सुबह के समय आधा चम्मच हल्दी मिलाकर पिएं। हल्दी का इस्तेमाल आयुर्वेदिक हर्बल दवाओं में होता है और इससे बनी औषधियां बदन दर्द, थकान दूर करने और सांस संबंधी परेशानियों में असरदार होती हैं।
मॉनसून के समय क्या खाएं
मॉनसून का मौसम गर्मी से तो राहत दिलाता है लेकिन अपने साथ कई तरह की बीमारियां भी लेकर आता है। इस मौसम में ज्यादातर बीमारियां अनजाने में खाने-पीने की लापरवाही की वजह से ही होती हैं। कोरोना वायरस महामारी के प्रकोप के चलते इस बार आपको मॉनसून में अपने खान-पान पर पहले से भी ज्यादा ध्यान देने की जरूरत होगी। बारिश के मौसम में बीमारियां होने के दो बड़े कारण होते हैं पहला-बैक्टीरिया और वायरस की संख्या में इजाफा होना और दूसरा शरीर की रोगों से लड़ने की क्षमता कम होना यानी इम्यूनिटी पावरका कम होना। हालांकि इस समय आप कुछ चीजों को अपने खान-पान में शामिल कर अपनी इम्यूनिटी पावर को बढ़ा सकते हैं। आइए जानते हैं मानसून में आपको क्या खाना चाहिए और क्या नहीं।
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लहसुन
लहसुन की एक गांठ में कैल्शियम, फॉस्फोरस, लौह तत्व, विटामिन सी अधिक मात्रा में मौजूद होता है। साथ ही, कुछ मात्रा में विटामिन बी कॉम्पलेक्स भी इससे मिलता है। लहसुन बड़े स्तर पर एक एंटीबायोटिक का काम करता है। यह बैक्टीरिया-रोधी, फफूंद-रोधी, परजीवी-रोधी व वायरस-रोधी है। यह बैक्टीरिया को खत्म करता है और रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाता है। कहते हैं कि कच्चा लहसुन रक्त की तरलता बनाए रखता है और कोलेस्ट्रॉल का स्तर भी ठीक रखता है। लहसुन दिल के लिए भी बहुत फायदेमंद होता है।
अदरक
अदरक विटामिन ए, सी, ई और बी कॉम्प्लेक्स का एक अच्छा माध्यम है। साथ ही इसमें मैग्नीशियम, फॉस्फोरस, आयरन, जिंक, कैल्शियम और बीटा-कैरोटीन पर्याप्त मात्रा में पाया जाता है। साथ ही ये जलनरोधी, एंटीफंगल, एंटीबैक्टीरियल और एंटीवायरल खूबियों से भी भरपूर होता है। इम्यूनिटी को स्ट्रॉन्ग बनाने के लिए यह एक शानदार चीज है। चाय, सूप या शहद के साथ इसका सेवन किया जा सकता है।
काली मिर्च
इसमें विटामिन ए, ई, के, सी और विटामिन बी6, थायमीन, नियासिन, सोडियम, पोटेशियम मौजूद होता है। खांसी और जुकाम में इसका सेवन बहुत लाभकारी होता है। यह शरीर की इम्यूनिटी पावर को बढ़ाता है।
शहद का सेवन
मॉनसून में शहद का सेवन किसी न किसी रूप में जरूर करना चाहिए, क्योंकि यह पाचन विकार से लड़ने और विषाक्त पदार्थों को शरीर से बाहर निकालने में मदद करता है। सुबह खाली पेट गुनगुने पानी में एक चम्मच शहद मिलाकर पीने से शरीर की रोग-प्रतिरोधक क्षमता भी बढ़ती है। सबसे जरूरी बात यह है कि बरसाती मौसम में ताजा खाना खाएं, क्योंकि बासी खाना संक्रमित हो जाता है।
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