Earth: अंतरिक्ष एजेंसी नासा (NASA) ने अलर्ट जारी करते हुए बताया है कि आज 3 बड़े एस्टरॉयड जोकि लघु ग्रह के नाम से भी जाने जाते हैं और जिन्हें क्षुद्र ग्रह भी कहा जाता है, धरती की ओर लगातार बढ़ रहे हैं। ये एस्टरॉयड धरती के बहुत करीब पहुंचने वाले हैं। ऐसा हाल ही में नैनीताल स्थित आर्यभट्ट प्रेक्षण विज्ञान शोध संस्थान (ARIS) की एक रिपोर्ट में दावा किया गया है। रिपोर्ट की मानें तो अंतरिक्ष से तीन विशालकाय एस्टेरॉइड धरती की ओर बढ़ रहे हैं। ऐसा बताया जा रहा है कि इनमें से एक एस्टेरॉइड MT-1 का आकार इंडिया गेट जितना बड़ा है।
आर्यभट्ट प्रेक्षण विज्ञान शोध संस्थान का कहना है कि ये तीनों एस्टेरॉइड पृथ्वी के काफी करीब से गुजरने वाले हैं जिसे लेकर संस्थान के प्रभारी डॉ. वीरेंद्र यादव ने जानकारी दी है। इसे लेकर उन्होंने पब्लिक आउटरीच प्रोग्राम में बात की। हालांकि, उन्होंने ये भी बताया कि इन तीनों एस्टेरॉइड से पृथ्वी को किसी भी तरह का नुकसान नहीं होगा।
वहीं वैज्ञानिकों ने किया खुलासा | Earth
वहीं वैज्ञानिकों ने खुलासा किया है कि तीनों एस्टेरॉयड जुलाई में पृथ्वी के पास से गुजरेंगे। हालांकि, तीनों घटना अलग-अलग तारीखों पर देखने को मिलेंगी। डॉ. यादव का कहना है कि 2023 MT-1 एस्टेरॉयड और ME-4 एस्टेरॉयड 8 जुलाई को पृथ्वी से 1.36 लाख किलोमीटर की दूरी से गुजरेंगे। ये एस्टेरॉइड पृथ्वी के करीब से 12 किलोमीटर प्रति सेकेंड से गुजरेंगे। अमेरिका और यूरोप के ऊपर से गुजरते हुए नजर आएंगे। वहीं तीसरा यूक्यू 3 एस्टेरॉयड 18 जुलाई को पृथ्वी और चंद्रमा के बीच से गुजरेगा जो करीब 18 से 20 मीटर व्यास का होगा। डॉ. यादव ने बताया कि हर साल पृथ्वी की ओर आते हैं एस्टेरॉइड।
डॉ. यादव ने आगे बताया कि एस्टेरॉइड हर साल पृथ्वी (Earth) की ओर आते हैं। कुछ एस्टेरॉइड का पृथ्वी से टकराने का खतरा बना रहता जिन्हें खतरनाक श्रेणी में रखा जाता है। हालांकि, ये तीनों एस्टेरॉइड पृथ्वी और चंद्रमा के बीच से गुजरने वाले हैं। वैज्ञानिकों का मानना है कि इस एस्टेरॉयड का व्यास 524 फीट के आसपास होगा जबकि इसकी रफ्तार 11.8 किमी प्रति सेकंड है। ये एस्टेरॉयड एक घंटे में 26 हजार मील से ज्यादा की दूरी तय कर रहे हैं, जो ध्वनि की गति से भी 34 गुना ज्यादा रफ्तार है।
एस्टेरॉयड 2013 WV44 हमारे ग्रह से 2.1 मिलियन मील दूरी से गुजरने वाला है जो अंतरिक्ष के हिसाब से सुरक्षित दूरी मानी जाती है। एक एक्सपर्ट के अनुसार ये दूरी चंद्रमा से लगभग 9 गुना ज्यादा है, फिर भी ये एस्टेरॉयड को नियर अर्थ आॅब्जेक्ट के रूप में वगीर्कृत किया गया है। वैज्ञानिकों का मानना है कि इन एस्टेरॉयड का पृथ्वी पर कोई असर नहीं होगा। अगर एक छोटा एस्टेरॉयड हमारे ग्रह से टकराया तो वो वायुमंडल में ही जलकर राख हो जाएगा। हालांकि, अगर कोई बड़ा एस्टेरॉयड टकराया तो उससे नुकसान होने का खतरा हो सकता है।