दिनभर झुलसा देने वाली धूप में खड़े होकर ड्यूटी दे रहे पुलिस के जवान (Duty to us first)
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सिर पर छांव के लिए करनी पड़ रही भारी जद्दोजहद
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रेहड़ियों और फटे फ्लैक्सों से बना रहे अस्थाई छत
संजय मेहरा/सच कहूँ गुरुग्राम। वे परिंदों की तरह दिनभर अपना घरोंदा बनाते रहते हैं और हवाएं उनके घरोंदे को उड़ा देती हैं। मगर हार नहीं मानते, क्योंकि आसमान से बरसती तेज धूप उन्हें बार-बार यह घरोंदा बनाने को मजबूर करती है। हम किसी पक्षी, परिंदे की बात नहीं कर रहे, बल्कि उन योद्धाओं की बात कर रहे हैं, जो सुबह से शाम तक झुलसा देने वाली गर्मी में सड़क पर ड्यूटी देते हुए लॉकडाउन को कामयाब बनाने में अपनी अहम भूमिका निभा रहे हैं।इनका कहना है कि हमारे लिए ड्यूटी पहले है और बाकी सब बाद में। गुरुग्राम में नाकों पर तैनात पुलिस कर्मी किन हालात में ड्यूटियां दे रहे हैं, वह भावुक कर देने वाला है।
मुस्तैदी से ड्यूटी करने के साथ-साथ बारी-बारी से ट्रैफिक पुलिस कर्मियों को खुद को धूप से बचाने के लिए यहां जुगाड़ करना पड़ रहा है। लॉकडाउन के बीच गर्मी बढ़ने के अंदेशे से ही पिछले दिनों गुरुग्राम के पुलिस कमिश्नर मोहम्मद अकील ने आदेश दिए थे कि सभी पुलिस नाकों पर टेंट लगाए जाएं। लेकिन उन आदेशों के बावजूद पुलिसकर्मियों की मुश्किलें कम नहीं हो रही हैं। गुरुग्राम-जयपुर नेशनल हाइवे-48 पर खेड़कीदौला टोल प्लाजा को पार करते ही लगाए गए पुलिस नाका पर करीब आधा दर्जन ट्रैफिक पुलिस कर्मियों की ड्यूटी के साथ, खुद को धूप से बचाने के लिए जद्दोजहद की जो तस्वीर नजर आई, उसने बहुत कुछ कह दिया।
- हाईवे के बीचों-बीच लगी ग्रील पर ट्रैफिक पुलिस कर्मी ग्रील के साथ कुछ बांध रहे थे।
- तीन ट्रैफिक पुलिस कर्मी यहां पर अपने लिए छाया का प्रबंध करने में जुटे थे।
- दो तो डिवाइडर पर चढ़कर ग्रील से फ्लैक्स का पर्दा बनाकर उसे बांध रहे थे।
- जबकि एक नीचे से उन्हें कुछ बता रहा था।
- दु:ख की बात तो यह है कि छाया और आराम के लिए उन्होंने दो रेहड़ियों को माध्यम बनाया।
- दो रेहड़ियों को पास-पास खड़ी करके उसके ऊपर छाया के लिए वे जुगाड़ कर रहे थे।
- जब उनसे पूछा गया तो बोले कि हवा आती है तो बार-बार यह उड़ और फट जाता है।
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