चंडीगढ़ (सच कहूं न्यूज)। Dushyant Chautala: हरियाणा में तीन निर्दलीय विधायकों के द्वारा कांग्रेस को समर्थन दिये जाने की घोषणा के बाद राजनैतिक पारा उफान पर है। पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा के द्वारा हरियाणा सरकार का अल्पमत में होने संबंधी बयान देने के बाद अब जन नायक जनता पार्टी भी खुलकर मैदान में आ गई है। जजपपा सुप्रीमो एवं पूर्व उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला ने हरियाणा के राज्यपाल को पत्र लिखकर सरकार के फ्लोर टेस्ट करवाने की मांग की है। Haryana Politics
यहां यह बता दें कि जजपा और भाजपा ने साढ़े चार साल तक गठबंधन धर्म निभाते हुए हरियाणा में सत्ता सुख भोगा। छह निर्दलीय विधायक भी सरकार के साथ रहे परंतु भाजपा द्वारा जजपा से गठबंधन तोड़ लिये जाने और मनोहर लाल की जगह नायब सिंह सैनी को मुख्यमंत्री पद दिये जाने के बाद प्रदेश में राजनैतिक उठापटक तेज हो गई। हुड्डा ने तीन निर्दलीय विधायकों को कांग्रेस से जोड़ लिया। अब कांग्रेस के साथ साथ जजपा ने भी सरकार के खिलाफ मोर्चा खोला हुआ है।
इनेलो साधे हुए है चुप्पी | Haryana Politics
इस पूरे मामले में इनेलो चुप्पी साधे हुए है। विधानसभा में इनेलो का एक मात्र विधायक अभय चौटाला है लेकिन उन्होंने अभी तक इस प्रकरण पर कुछ नहीं कहा है।
जजपा के छह विधायक भाजपा के संपर्क में
वर्तमान में हरियाणा में जजपा के छह विधायक भाजपा के संपर्क में हैं। लोकसभा चुनाव को लेकर भाजपा प्रत्याशियों के जन संपर्क अभियानों में जा रहे हैं। मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी, पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल और भाजपा प्रत्याशियों के साथ मंच सांझा कर रहे हैं। हालांकि जेजेपी के द्वारा बागी विधायकों के खिलाफ कार्रवाई करने को कहा है।
दुष्यंत ने लिखा कांग्रेस बदलाव चाहती है तो गर्वनर को लिखे
पूर्व उपमुख्यमंत्री ने कहा कि अब कांग्रेस विश्वास खो चुकी सरकार को बदलने के लिए गवर्नर को लिखकर भेजे। कांग्रेस के 30 और उनको समर्थन देने वाले विधायक और विपक्ष के दूसरे एमएलए क्या भाजपा सरकार को बदलना चाहते हैं। उन्होंने कहा कि हमने कल ही गवर्नर को चिट्ठी भेजी है। 88 विधायक हैं और 45 का समर्थन चाहिए, इससे पता चलेगा कि सरकार के साथ 44 में से कितने विधायक हैं”
हरियाणा की 90 सदस्यों वाली विधानसभा में अभी 88 विधायक हैं। बहुमत के लिए 45 विधायकों का समर्थन जरूरी है। भाजपा सरकार के पास 43 विधायकों का समर्थन है। इनमें 40 भाजपा, 2 निर्दलीय, 1 हलोपा विधायक हैं। दो और विधायकों की जरूरत है। Haryana Politics
ऐसे बच सकती है भाजपा की सरकार
अगर राज्यपाल फ्लोर टेस्ट करवाते है तो इन परिस्थितियों में भाजपा सरकार बच सकती है।
1. जजपा के 10 में से छह विधायक पार्टी से नाराज है। इनमें से दो ने लोकसभा चुनाव में भाजपा को समर्थन देने का ऐलान किया था तो दो का रूख कांग्र्रेस की तरफ है। भाजपा अगर चार विधायकों को मनाने में कामयाब हो जाती है तो भाजपा के पास 47 विधायक हो जाएंगे और सरकार बच जाएगी।
2. कांग्रेस को समर्थन देने वाले निर्दलीय विधायकों को अगर मना कर भाजपा अपने पाले में ले लेती है तो यह संवैधानिक संकट टल सकता है। Haryana Politics
3. जजपा के छह नाराज विधायक अगर अविश्वास प्रस्ताव के दौरान विधानसभा से गैरहाजिर रहते हैं तो सदन में 82 सदस्य रह जाएंगे। ऐसे में बहुमत का आंकड़ा 42 हो जाएगा और 43 विधायकों से ही सरकार बच जाएगी।
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