…जब किसी बिछुड़े से मिलने का दर्द झलककर बाहर आ गया!
नागपुर। (सच कहूँ न्यूज) डेरा सच्चा सौदा एक ऐसा नाम, जिसकी है एक अमिट पहचान और जो किसी परिचय का मोहताज नहीं। पूज्य संत डॉ गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां की पावन शिक्षाओं से प्रेरित (Welfare Work) डेरा अनुयायियों को बस किसी जरूरतमंद की सेवा करने की सूचना मिलना ही काफी है। तभी दौड़ पड़ते हैं उसकी निस्वार्थ मदद करने को। चाहे वह जरूरतमंद किसी दुख से दुखी हो, किन्हीं मुसीबतों से घिरा हो, किसी बीमारी से ग्रसित हो या फिर सड़क पर बदहाल अवस्था में फिरते किसी मानसिक रूप से लाचार की बात हो। डेरा अनुयायी हर ऐसे जरूरतमंद के चेहरों पर मुस्कान खिलाने के लिए हमेशा तैयार रहते हैं।
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इसी कड़ी के तहत बड़ा सुमेरा जिला मुजफ्फरपुर (बिहार) निवासी एक 26 वर्षीय युवक गोपाल पुत्र शंकर लाल 10 दिन पहले अपने परिवार से जब बिछुड़ गया था जब वह हैदराबाद से मुजफ्फरपुर की ट्रेन से घर लौट रहा था। इस संबंध में जानकारी देते हुए नागपुर के जिम्मेवार भाई रघुबीर इन्सां ने बताया कि यात्रा के दौरान उसे किसी ने नशीला पदार्थ खिलाकर बेहोश कर दिया और उसका पर्स, मोबाइल व अन्य सामान लेकर फरार हो गए। जब उसे होश आया तो वह अपना मानसिक संतुलन खो बैठा था और महाराष्ट्र के नागपुर में निलज जंक्शन जा पहुंचा था।
रह रहकर पूज्य गुरू जी का आभार व्यक्त कर रहा था परिवार
रघुबीर इन्सां ने बताया कि ब्लॉक जिम्मेवार रघुबीर इन्सां, प्रमोद इन्सां, जितेंद्र इन्सां मनजीत इन्सां व चरणजोत इन्सां ने दो दिन गोपाल की संभाल (Welfare Work) कर उसे डॉक्टरों के परामर्श से दवाईयाँ मुहैया करवाई क्योंकि उस वक्त गोपाल मानसिक तौर पर कमजोर होने के साथ-साथ शारीरिक रूप से बेहद थका हुआ व चोटिल था। दो दिन के भीतर उन्होंने गोपाल को उसके परिवार से मिलवा दिया जिसके मिलने पर परिवार का दर्द आंखों से झलक कर बाहर आ गया। अपने जवान बेटे को फिर से पाकर उनकी खुशी का कोई ठिकाना नहीं रहा। रह रहकर वो पूज्य गुरू संत डॉ गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां का आभार व्यक्त कर रहे थे।
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