खुदाई के दौरान बड़े-बड़े पत्थर मिट्टी की बनी एक देव प्रतिमा तथा मिट्टी के बने बर्तनों के टुकड़े निकले | Sadulpur News
- ग्रामीणों ने सैकड़ों वर्ष पहले की जताई आबाद बस्ती की आशंका
सादुलपुर (सच कहूँ/ओमप्रकाश)। Sadulpur News: ग्राम पंचायत खैरू बड़ी के गांव कामाण की रोही में जमीन में दबे बड़े-बड़े पत्थर तथा मिट्टी की एक देव प्रतिमा तथा मिट्टी के बने बर्तनों के टुकड़े एवं एक पत्थर का बना पशुओं को चारा डालने का बर्तन निकला। तथा बड़े-बड़े पत्थरों से बने कुआं जैसा गोल मकान भी मौके पर दिखाई दे रहा था, हालांकि जेसीबी मशीन से खुदाई के बाद कुआं या कोई मकान जैसा कोई मामला नजर नहीं आया। जिसके बाद ग्रामीणों ने खुदाई बंद कर दी। हर कोई उत्सुक था की जमीन में क्या दबा है क्या निकल रहा है।
खुदाई के दौरान जमीन में दबी एक मिट्टी की बनी छोटी देव प्रतिमा निकली। जो भगवान बुद्ध तथा माता जी जैसी दिखाई दे रही थी। मौके पर अनेक ग्रामीणों ने जहां वर्षों पहले आबाद बस्ती होने की संभावना जताई तो अन्य लोगों ने पानी का कुआं या फिर कोई मंदिर अथवा मकान होना बताया। लेकिन जेसीबी मशीन से खुदाई के बाद सिर्फ बड़े-बड़े पत्थर ही निकले। ना कुआ ओर ना ही कोई मन्दिर जैसा मकान निकला। लेकिन वर्षों पहले निश्चित रूप से मानव बस्ती रही होगी। ऐसा अनुमान ग्रामीण लगाते रहे। Sadulpur News
लगभग दो घण्टे तक हुई खुदाई के बाद बड़े-बड़े पत्थरो से बना कुए जैसा दिखाई देने वाली जगह पर 10-15 फीट के बाद पक्का फर्श नजर आया। जिसके बाद ग्रामीणों ने अनुमान लगाया कि यह पानी इक_ा करने के लिए कोई टंकी या होद बनाई हुई होगी, भारी वजनी पत्थरों को कुएं का आकार देना देव प्रतिमा निकलना तथा एक बड़े पत्थर का बना बर्तन निकलना ग्रामीणों के लिए किसी आश्चर्य से कम नहीं है। गांव के राजवीर सिंह महला के खेत मे ट्रैक्टर चालक खेत में पलाऊ करते समय घटना का पता चला। खेत मालिक राजवीर महला सूचना पर अपने खेत में पहुंचकर 02-03 युवकों से कस्सी से खुदाई करवाई तो बड़े-बड़े पत्थरों से बना कुएं जैसे आकार नजर आने लगा यह देखकर खेत मालिक ने अनुमान लगाया कि सम्भवत: कुआ है।
और सरपंच को सूचना दी गई। जिस पर अन्य ग्रामीण भी मौके पर पहुंचे तथा सरपंच ने जेसीबी मशीन से खुदाई शुरू करवाई। मौके पर उपस्थित ग्रामीणों ने कहा कि गांव में 90 साल तक के लोग मौजूद हैं। जिन्होंने बताया कि उन्होंने इस जगह पर कभी कोई आबाद बस्ती ना देखी और ना सुनी है, जिसे अनुमान लगता है कि सैकड़ो वर्ष पहले कोई आबाद बस्ती रही हो। अन्यथा मिट्टी के देव प्रतिमा तथा बड़े-बड़े पत्थरों से बना पानी की टंकी जैसा निर्माण और मीठी के बने बर्तन के टुकड़े नहीं निकलते। Sadulpur News
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