जयपुर (सच कहूँ न्यूज)। राज्य की लापरवाही से लाखों गौवंश को लंपी स्किन बीमारी का खामियाजा भुगतना पड़ रहा है। पशुपालन विभाग को लगभग 8 महीने पहले इस बीमारी के बारे में पता चल गया था। 8 महीने पहले सीकर के दुगोली गांव में लंपी स्किन बीमारी का पहला केस आया था। तब से गहलोत सरकार की लापरवाही से सामने देखने को मिल रही है, जिसके कारण आज लगभग 9.30 लाख गोवंश इस बीमारी की चपेट में आ गए। 41 हजार से ज्यादा गोवंश मौत के शिकार हो गए ।यह आंकड़ा आधिकारिक रूप से सरकार ने ही दिया है जबकि वास्तविक आंकड़े छुपाए जा रहे हैं। आम आदमी पार्टी (आप) के जयपुर स्थित प्रदेश मुख्यालय में प्रेस वार्ता करते हुए वरिष्ठ नेत्री कीर्ति पाठक सुनील धायल और देवेंद्र यादव ने यह आरोप सरकार पर लगाए। उन्होंने कहा कि हर जिले में इससे ज्यादा पशु इस बीमारी से शिकार होकर मौत के मुंह में गए हैं। दस हजार से ज्यादा मौत केवल जैसलमेर में हुई हैं।
इससे यह जाहिर होता है कि क्षेत्रीय विधायक एवं गहलोत सरकार पशुओं के प्रति, बेजुबानों के कितनी सजग है। प्रदेश में पशु चिकित्सकों के 60 प्रतिशत पद खाली हैं। पशु चिकित्सकों की भर्ती निकाली हुई है मगर सरकार फैसला नहीं ले रही। बेजुबानों के वोट नहीं हैं इसलिए कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा। लंपी ग्रसित पशु की मृत्यु होने के बाद में उन्हें सही तरीके से दफनाया भी नहीं जा रहा। इससे भी महामारी फैलने की आशंका हो रही है। आप पार्टी नेताओं ने कहा कि राजस्थान में हर बार बीजेपी एवं कांग्रेस की सरकार आने पशुपालन विभाग द्वारा किसी भी प्रकार के नए पशु केंद्र नहीं खोले जाते हैं। अधिकारी और मंत्री सभी अपनी सांठगांठ से पशुओं के जीवन के साथ खिलवाड़ करते हैं। राजस्थान में 3000 से ज्यादा ग्राम पंचायतों में किसी भी प्रकार की कोई भी पशु चिकित्सा सुविधा उपलब्ध नहीं है।
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चिकित्सा के अभाव में हर वर्ष हजारों पशुधन मौत का शिकार हो जाता है। इसके बावजूद भी कोई भी सरकारें इस पर कोई संज्ञान नहीं लेते।राजस्थान में प्रत्येक इंसान और पशु किसी भी प्रकार से सुरक्षित नहीं हैं। जहां एक और उदयपुर जैसी घटना को सरेआम अंजाम दिया जा सकता है, वहीं दूसरी ओर हजारों पशुओं की भी मौत हो जाती है। गहलोत आए दिन दिल्ली, गुजरात, केरल व अन्य राज्यों में भ्रमण पर निकल जाते हैं, जबकि जनता परेशान हो रही है। गहलोत सरकार ने कोविड-सहायकों, बेरोजगारों और महिलाओं के साथ धोखा किया है। मंत्री अशोक गहलोत को इस्तीफा दे देना चाहिए जिससे प्रदेश में अमन चैन स्थापित हो सके।
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