धरातल की बजाए बातों से ही उठान करते नजर आए अधिकारी
सच कहूँ/राजू ओढां। सरकार द्वारा गेहूं खरीद से पूर्व अनाज मंडियों व खरीद केन्द्रों पर बेहतर व्यवस्थाओं व प्रबंधकों के दावे किए गए थे। लेकिन धरातल पर स्थिति इसके बिल्कुल उल्ट दिखाई दे रही है। उठान कार्य न होने के कारण जहां गेहूं बरसात की भेंट चढ़ गई तो जगह के अभाव में खरीद केन्द्रों व मंडियों पर गेहूं के ढेर लगे पड़े हैं। आढ़ती उठान न होने का हवाला देकर हाथ खड़े कर रहे हैं तो वहीं खरीद व उठान एजेंसी सिर्फ बातों से इतिश्रि करती नजर आ रही है। पन्नीवाला मोटा के खरीद केन्द्र पर उठान न होने की वजह से स्थिति विकट हो चुकी है।
यहां प्राईमरी गर्ल स्कूल से लेकर नैशनल हाईवे की तरफ जाने वाले लिंक रोड की एक साईड गेहूं से अटी पड़ी है। जिससे न केवल यातायात वन-वे हो गया है अपितु गेहूं उतारने के लिए जगह भी नहीं बची है। मौजूदा स्थिति ये है कि करीब एक किलोमीटर रोड का क्षेत्र गेहूं के बैग व ढेरों से अटा पड़ा है। ऐसे मेंं जगह न होने के चलते किसानों का अनाज मिट्टी में मिल रहा है। सड़क पर हजारों बैग उठान के इंतजार में पड़े हैं।
मुख्य प्रशासक के आदेशों को ठेंगा दिखा रही मार्केट कमेटी
बीते दिनों हुई बरसात के चलते बैग भीगने के कारण वे खराब भी हो रहे हंै। जो बगैर तुलाई के गेहूं के ढेर लगे हुए हैं वो डिवाईडर व सड़क के दूसरी बिखरने से किसानों की खून-पसीने की कमाई मिट्टी में मिल रही है। लेकिन इस ओर न तो मार्केट कमेटी ध्यान दे रही है और न ही खरीद व उठान एजेंसी। किसानों ने बताया कि मंडियों में उठान ठप्प होने की वजह से पैर रखने की भी जगह नहीं बची है। गौर करने वाली बात ये है कि हरियाणा कृषि विपणन बोर्ड के मुख्य प्रशासक ने गेहूं को भीगने से बचाने के लिए पुख्ता प्रबंध करने के आदेश दिए हुए हैं। गेहूं भीगने पर मार्केट कमेटी के सचिव, संबंधित आढ़तियों व उठान ठेकेदार के खिलाफ विभागीय कार्रवाई की बात कही गई है। लेकिन इन आदेशों के बावजूद भी मार्केट कमेटी इस ओर कोई ध्यान नहीं दे रही।
28 हजार 990 क्विंटल की की गई है गेहूं खरीद
जिसके चलते किसानों का गेहूं खराब हो रहा है। पूछे जाने पर कर्मचारी एक-दूसरे विभाग पर बात थोंपकर धरातल की बजाए बातों से ही उठान करते नजर आए। सुपरीवाईर के मुताबिक पन्नीवाला मोटा के खरीद केन्द्र पर बुधवार सांय तक करीब 28 हजार 990 क्विंटल गेहूं की खरीद की गई है। जिसमें से 11 हजार 300 क्विंटल गेहूं का उठान हो चुका है, जबकि करीब 17 हजार 600 क्विंटल गेहूं का उठान होना बाकी है। आॅनलाईन सिस्टम की वजह से थोड़ी दिक्कत आ रही है, लेकिन पूर्व की अपेक्षा सुधार है।
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