नई दिल्ली (सच कहूँ न्यूज)। Delhi Odd-Even Rule: बढ़ते प्रदूषण के कारण केजरीवाल सरकार ने एक बार फिर ऑड-ईवन लागू करने का फैसला किया है। यह ऑड-ईवन 13 से 20 नवंबर तक लागू रहेगा। दिल्ली सरकार के फैसले के मुताबिक, दिल्ली में बीएस 3 पेट्रोल और बीएस 4 डीजल कार पर बैन जारी रहेगा और किसी भी तरह का निर्माण नहीं होगा। इसके अलावा दिल्ली में अब 6वी, 7वी, 8वी, 9वी, और 11वी की फिजिकल क्लास 10 नवंबर तक बंद रहेंगी। उधर आॅड- ईवन के दौरान आने वाले दिन 1, 3, 5, 7 और 9 नंबर वाली गाड़ियां (जिनके लास्ट में ये नंबर हैं) वहीं चलेंगी। ईवन वाले दिन जिन गाड़ियों के नंबर के लास्ट में 0, 2, 4, 6 और 8 नंबर हैं वो गाड़ियां चलेंगी।
आपको बता दें कि वर्ष 2016 की जनवरी में जब वायु प्रदूषण को नियंत्रित करने में मुश्किलें आ रही थीं, तब दिल्ली सरकार पहली बार ऑड-ईवन नियम लागू किया था। आपको जानकारी के लिए बता दें कि दिल्ली के अंदर आवश्यक सेवाएं वाले ट्रक और सीएनजी, इलेक्ट्रिक व्हीकल्स अलावा सभी ट्रकों के प्रवेश पर प्रतिबंध रहेगा। अब दिल्ली में सभी कंस्ट्रक्शन और डिमोलिशन पर पूरी तरह से बंद होंगे। वहीं आपको बता दें दिल्ली सरकार ने 10 नवंबर तक सरकारी स्कूल बंद कर दिए गए है।
दिल्ली की वायु गुणवत्ता ‘गंभीर’ श्रेणी में
राष्ट्रीय राजधानी में प्रदूषक तत्वों की मोटी परत जमी हुई है और हवा की गुणवत्ता सोमवार को लगातार पांचवें दिन ‘गंभीर’ श्रेणी में बनी रही। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) के अनुसार, राष्ट्रीय राजधानी का समग्र वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) का स्तर सुबह पूर्वाह्न 11:30 बजे 432 था। दिल्ली विश्वविद्यालय में यह 473 दर्ज किया गया, जबकि टर्मिनल 03 पर हवाई अड्डे पर एक्यूआई 559, नोएडा में 616, आईआईटी दिल्ली में 517 और गुरुग्राम में 516 दर्ज किया गया। सफर डेटा के अनुसार, सभी ‘गंभीर’ श्रेणी में थे।
सीपीसीबी के आंकड़ों के अनुसार पूसा और लोधी रोड जैसे क्षेत्रों में एक्यूआई का स्तर क्रमशः 407 और 450 दर्ज किया गया, दोनों को ‘गंभीर’ श्रेणी में वर्गीकृत किया गया है। जवाहरलाल नेहरू स्टेडियम में यह 409 दर्ज किया गया। इस बीच, वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (सीएक्यूएम) ने वायु गुणवत्ता में और गिरावट को रोकने के लिए रविवार को तत्काल प्रभाव से पूरे राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) में ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान (ग्रैप) के चौथे चरण को लागू किया। इस चरण के तहत, आवश्यक सेवाओं के लिए छूट के साथ, अन्य राज्यों से केवल सीएनजी, इलेक्ट्रिक और बीएस 5- अनुपालक वाहनों को प्रवेश की अनुमति है।
आयोग ने दिल्ली और एनसीआर राज्यों को भी प्रतिबंध लागू करने का निर्देश दिया, जिसमें रैखिक सार्वजनिक परियोजनाओं के लिए निर्माण कार्य पर प्रतिबंध और सरकारी और निजी कार्यालय के 50 प्रतिशत कर्मचारियों को घर से काम करने की अनुमति देना शामिल है। दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति (डीपीसीसी) द्वारा किए गए एक विश्लेषण के अनुसार, राजधानी में एक नवंबर से 15 नवंबर के बीच प्रदूषण का उच्चतम स्तर देखा गया। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने बिगड़ती वायु गुणवत्ता के कारण शहर के बिगड़ते वायु प्रदूषण संकट पर चर्चा के लिए आज एक उच्च स्तरीय बैठक बुलाई। बैठक में दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय और सभी संबंधित विभागों के अधिकारी शामिल होंगे।
दिल्ली की तर्ज पर अब हरियाणा के स्कूल होंगे बंद!
प्रदूषण के बढ़ते प्रभाव को देखते हुए राजधानी दिल्ली के बाद अब दिल्ली एनसीआर से लगते हरियाणा के जिलों में भी स्कूल बंद हो सकते हैं। शिक्षा निदेशालय पंचकूला हरियाणा में इस संबंध में एनसीआर जिलों के उपायुक्तों को पत्र लिखकर स्कूल बंद करने या खुले रखने के संबंध में शक्तियां प्रदान की हैं। इसके साथ ही इस पत्र में कहा गया है कि प्रदूषण के स्तर को देखते हुए शहरी व ग्रामीण क्षेत्रों में स्कूल बंद करने के संबंध में अलग-अलग फैसले भी लिए जा सकते हैं। इसका मतलब साफ तौर पर जाहिर हो चुका है कि प्रदूषण को देखते हुए सरकार वर्तमान में स्कूल बंद करना तो चाहती है, लेकिन उसका माध्यम डीसी को बना दिया गया है।
यदि सरकार में शिक्षा विभाग इस एडवाइजरी के बाद स्कूल बंद हुए तो प्राइमरी मिडिल और सेकेंडरी स्तर के स्कूल ही बंद होंगे। जबकि सीनियर सैकेंडरी स्कूलों में कक्षाएं पहले की तरह जारी रहेगी। स्कूल बंद होने की स्थिति में बच्चों की पढ़ाई पर किसी भी प्रकार का असर न पड़े उसके लिए आॅनलाइन शिक्षा व्यवस्था शुरू रहेगी। पर यह आॅनलाइन शिक्षा व्यवस्था किस प्रकार करवाई जाएगी इसका इस पत्र में कोई जिक्र नहीं किया गया है।
इन जिलों पर होना है फैसला | Delhi Odd-Even Rule
शिक्षा निदेशालय की एडवाइजरी में दिल्ली एनसीआर में शामिल हरियाणा के करनाल, जींद, पानीपत, सोनीपत, रोहतक, भिवानी, चरखी-दादरी, झज्जर, गुरुग्राम, फरीदाबाद, रेवाड़ी, महेंद्रगढ़, नूंह और पलवल शामिल है। ध्यान रहे कि दिल्ली के साथ-साथ हरियाणा के गुरुग्राम में फरीदाबाद में वायु गुणवत्ता सूचकांक गंभीर स्थिति में चल रहा है। गुरुग्राम जिले के जिलाधीश ने कूड़ा जलाने को लेकर भी धारा 144 लागू की है ताकि बढ़ते प्रदूषण को रोका जा सके। यदि प्रदूषण की यही स्थिति रही तो हरियाणा के इन 14 जिलों के अलावा पूरे हरियाणा प्रदेश में भी शिक्षण संस्थान बंद किया जा सकते हैं। सरकार इस विषय पर भी गंभीरता से विचार कर रही है।
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