उड़ीसा के पुरी का निवासी है मनोरोगी, परिजनों की तलाश में जुटे सेवादार || Mandbudhi Ki Sambhal
संगरिया (सच कहूँ न्यूज/सुरेन्द्र जग्गा)। पूज्य गुरु संत डॉ. गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां द्वारा चलाई गई इंसानियत मुहिम के तहत हर राज्य में डेरा सच्चा सौदा के श्रद्धालु टीम बनाकर मानसिक रोगियों की देखभाल करते हैं व उनका सही उपचार करवाते हैं। इसी मुहिम के तहत संगरिया ब्लॉक के सेवादार भाइयों ने दयनीय हालत में मिले मानसिक रूप से परेशान व्यक्ति की संभाल (Mandbudhi Ki Sambhal) कर उसके परिजनों की तलाश शुरू कर दी है। जानकारी के अनुसार शाह सतनाम जी ग्रीन एस वेलफेयर विंग के संदीप बाघला इन्सां को संगरिया रेलवे ओवर ब्रिज पर एक लगभग 50 वर्षीय व्यक्ति दिखाई दिया जिसने इतनी गर्मी के बाबजूद भी अपने ऊपर गर्म कंबल ओढ़ रखा था।
गर्मी और प्यास से व्याकुल नजर आने वाले व्यक्ति के बारे में पूछताछ करने की कोशिश की तो उसने अपने बारे में कोई पुख्ता जानकारी नहीं दी। ऐसी हालत में संदीप इन्सां ने कमेटी के अन्य सेवादार भाइयों से संपर्क किया तो सेवादार भाई लालचंद इन्सां ने मौके पर जाकर उक्त व्यक्ति की हालत को देखा तो गर्म कंबल ओढ़ने की वजह से उसके पूरे शरीर में एलर्जी से खारिश हो रही थी। पैरों और हाथों के नाखून बढ़े हुए थे। उस व्यक्ति ने अपने बारे में सिर्फ इतना ही बताया कि उसका नाम शंकर लाल है और उसे उड़ीसा जाना है। सेवादार भाइयों ने उस युवक की सूचना संगरिया पुलिस थाना में दी। उसके
बाद एमएसजी डेरा सच्चा सौदा व मानवता भलाई केंद्र रतनपुरा में लाए। उसके रहने व खाने-पीने का प्रबंध किया। सोशल मीडिया के सहारे युवक के परिजनों की तलाश की जा रही है। सेवादार लाल चंद इन्सां का कहना है कोई भी मानसिक रूप से विक्षिप्त मंदबुद्धि, लाचार, बीमार डेरा सच्चा सौदा के सेवादारों के संपर्क में आता है तो वे उनकी अपनों से भी बढ़कर तब तक सेवा करते हैं जब तक कि वे पूरी तरह से स्वस्थ होकर अपने व परिजनों के बारे में जानकारी नहीं दे देते।
जानकारी मिलने पर सेवादार खोजबीन कर परिजनों को बुलाकर विक्षिप्त को उनके हवाले कर देते हैं। यह सिलसिला लगातार जारी है। इस युवक के बारे में किसी को कोई भी जानकारी उपलब्ध होती है तो 94135-14414, 94137-14295 नंबरों पर संपर्क करें। इस सेवा कार्य में मुख्य रूप से शाह सतनाम जी ग्रीन एस वेलफेयर विंग के लालचंद इन्सां, महेश गोयल इन्सां, संदीप बाघला इन्सां, विनोद हांडा इन्सां, अमराराम इन्सां, गोपाल इन्सां, 15 मैंबर रॉकी गर्ग इन्सां, सुरेन्द्र जग्गा इन्सां का सहयोग रहा।