अवैध दवाओं व मेडिकल स्टोर से जुड़े ड्रग तस्करी के कार्यों में मदद करने का आरोप
- रिश्तेदारों के नाम पर बेनामी खातों में जमा करवाई ड्रग मनी | Chandigarh News
चंडीगढ़ (सच कहूँ न्यूज)। Smuggling Case: पंजाब पुलिस की एंटी-नारकोटिक्स टास्क फोर्स (एएनटीएफ) ने ड्रग इंस्पेक्टर शिशन मित्तल को अवैध दवाओं, मेडिकल स्टोर से जुड़े ड्रग तस्करी के कामों में मदद करने और अपने रिश्तेदारों के नाम पर बेनामी खातों में ड्रग मनी को जमा करने के आरोप में गिरफ्तार किया है। Chandigarh News
पुलिस महानिदेशक गौरव यादव ने शुक्रवार को बताया कि करीब एक महीने पहले पंजाब पुलिस ने आरोपी ड्रग इंस्पेक्टर से जुड़े 24 बैंक खातों को फ्रीज किया था, जिसमें कुल 7.09 करोड़ रुपये की रकम थी। इसके अलावा पंजाब, हरियाणा और चंडीगढ़ में अलग-अलग जगहों पर की गयी छापेमारी में भारी मात्रा में नकदी और विदेशी मुद्रा जब्त की गयी थी। इसके अलावा दो बैंक लॉकर भी जब्त किये गए।
जेल में बैठे तस्करों के संपर्क में था | Chandigarh News
यादव ने कहा कि उन्नत तकनीकी निगरानी और मानव खुफिया जानकारी के संयोजन के बाद, विशेष डीजीपी कुलदीप सिंह के नेतृत्व में एएनटीएफ की पुलिस टीमों ने एसएएस नगर के एरोसिटी से ड्रग इंस्पेक्टर शिशन मित्तल को गिरफ्तार किया। उन्होंने कहा कि प्रारंभिक जांच से पता चला है कि आरोपी ड्रग इंस्पेक्टर नियमित रूप से जेल के अंदर बंद ड्रग तस्करों के संपर्क में था और बाहर उनके ड्रग नेटवर्क को सुविधाजनक बनाता था। उन्होंने कहा कि जांच में यह भी पाया गया कि आरोपी ड्रग इंस्पेक्टर सरकार से अनुमति लिये बिना या भारत से बाहर छुट्टी लिये बिना अक्सर विदेश यात्रा कर रहा था।
उन्होंने कहा कि एएनटीएफ द्वारा यह सफल आॅपरेशन जटिल आपराधिक नेटवर्क से निपटने के लिये उसके रणनीतिक दृष्टिकोण को दर्शाता है, साथ ही उन्होंने कहा कि इस मामले में आगे की जांच जारी है। सिंह ने बताया कि एएनटीएफ ने 1.49 करोड़ रुपये नकद, 260 ग्राम सोना और 515 दिरहम बरामद किये हैं। इसके अलावा, अवैध गतिविधियों से अर्जित की गयी बड़ी संपत्ति की पहचान की गई है, जिसमें जीरकपुर में दो करोड़ रुपये मूल्य के फ्लैट, डबवाली में 40 लाख रुपये का प्लॉट और कई अन्य सम्पत्तियां शामिल हैं। Chandigarh News
एनडीपीएस अधिनियम की धारा 29 और 59 कोई सरकारी कर्मचारी जो जानबूझकर ड्रग तस्करों का समर्थन या उकसाता है, या ड्रग कानूनों के प्रवर्तन से संबंधित अपने कर्तव्यों की उपेक्षा करता है, उसे कारावास सहित गंभीर दंड दिया जा सकता है) और भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) की धारा 111 (संगठित अपराध) के तहत एफआईआर पहले ही दर्ज की जा चुकी है।
यह भी पढ़ें:– Traffic Challan: बुलेट बाइक से पटाखे छोड़ना पड़ा महंगा, 29 हजार का काटाक चालान