बठिंडा(सच कहूँ/सुखनाम)। पिछले एक साल से अंगहीनों की तरह चारपाई पर पड़ा था। रीढ़ की हड्डी में तकलीफ होने के कारण चल नहीं सकता था और दर्द के कारण जीना मुश्किल हो गया था। फिर किसी ने मुझे दिल्ली हार्ट अस्पताल के न्यूरो सर्जन डॉ. वरुण गर्ग को मिलने की सलाह दी, जिन्होंने एक छोटा सा आॅपरेशन करके मुझे फिर चलने फिरने योग्य बना दिया।
ये शब्द मरीज बग्गड़ सिंह निवासी गाँव रामूवाला, जिला फरीदकोट ने कहे। इस मौके पर मरीज की पत्नी कुलदीप कौर ने बताया कि लम्बे समय से उसका पति रीढ़ की हड्डी की समस्या के साथ जूझ रहा था और धीरे-धीरे यह समस्या इतनी बढ़ गई कि वह चलने-फिरने से भी असमर्थ हो गया। उन्होंने कई स्थानों पर इलाज करवाया, परन्तु कोई फायदा नहीं हुआ। उन्होंने ठीक होने की उम्मीद लगभग छोड़ दी थी परन्तु डॉ. वरुण ने उसके पति को नई जिंदगी दी है। वह अस्पताल और डॉ. वरुण के बहुत आभारी हैं।
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