डोप टैस्ट में पारदर्शिता लाने के लिए अब जीओजी करेंगे निगरानी

Dope test

हर सप्ताह बाद बदलेगी लैब टैक्निशियन व जीओजी की ड्यूटी

फिरोजपुर(सतपाल थिन्द)। सिविल अस्पताल में हथियार लाईसेंस के लिए होने वाले डोप टैस्ट की प्रक्रिया में पारदर्शिता व सिस्टम (Dope test) में सुधार लाने के लिए डोप टैस्ट की सारी प्रक्रिया गार्डियनज आॅफ गवर्नेंस (जी.ओ.जी) की निगरानी में होगी। इस काम के लिए डिप्टी कमिशनर चंद्र गेंद ने नयी पहल करते शुक्रवार को एक बैठक में जीओजी के डिस्ट्रिक्ट कोआर्डीनेटर चौहान को सिविल अस्पताल में जीओजी की एक टीम तैनात करने के लिए कहा है। यह टीम डोप टैस्ट के लिए आने वाले व्यक्तियों की फीस भरने, सैंपल जमा करवाने और टैस्ट रिपोर्ट तक की पूरी प्रक्रिया की निगरानी रखेगी।

निगरानी के दौरान सिस्टम में यदि कोई खराबी पाई गई तो उस की रिपोर्ट डिप्टी कमिशनर चंद्र गेंद को मिलेगी। डिप्टी कमिशनर जीओजी (Dope test) के फिड्ड बैक के आधार पर कार्रवाई करेंगे। बैठक में सिविल सर्जन डॉ. राजिन्दर कुमार भी मौजूद थे। इस मौके डिप्टी कमिशनर चंद्र गेंद ने बताया कि उनके पास लोगों का फिड्ड बैक था कि डोप टैस्ट में कुछ कमियां हैं। फिड्ड बैक में यह अंदेशा जताया गया है कि पॉजिटिव रिपोर्ट के बावजूद कुछ लोगों के डोप टैस्ट पास हो रहे हैं।

इसे लेकर डिप्टी कमिशनर ने पूरी प्रक्रिया को पारदर्शी व सरल बनाने के लिए जीओजी तैनात करने का निर्णय लिया। जीओजी के डिस्ट्रिक्ट (Dope test) कोआर्डीनेटर एसएस चौहान ने बताया कि सिविल अस्पताल में वह अपने विभाग की ओर से एक सुपरडैंट व एक जीओजी तैनात करेंगे। उन्होंने सिविल सर्जन डॉ. राजिन्दर कुमार को जीओजी के स्टाफ सदस्यों को पूरी प्रक्रिया संबंधी प्रशिक्षण देने के लिए कहा, जिससे उनको इस संबंधी जानकारी हो कि डोप टैस्ट की प्रक्रिया कैसे सपन्न होगी? डिप्टी कमिशनर चंद्र गेंद ने सिविल सर्जन डॉ. राजिन्दर कुमार से हर सप्ताह डोप टैस्ट वाला लैब टैक्निशियन भी बदलने के लिए कहा।

उन्होंने कहा कि डोप टैस्ट वाले ब्लॉक में बदल -बदल कर ड्यूटियां लगाई जाएं, जिससे पारदर्शिता पूरी तरह से बनी रहे। उन्होंने लोगों से अपील करते हुए कहा कि यदि उनको सरकारी सेवाओं को ले कर कोई दिक्कत या परेशानी आती है तो वह उनके पास आ कर शिकायत दाखिल कर सकते हैं।

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