नई दिल्ली। पूज्य गुरु संत डॉ. गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां के पावन पत्र को पाकर डेरा सच्चा सौदा की करोड़ों साध-संगत फूली नहीं समा रही है। रूहानी पत्र को कोई माथे से तो कोई दिल से लगाकर अपने सतगुरु के प्रति प्रेम और असीम श्रद्धा और विश्वास को प्रकट कर रहा है। साथ ही प्रण दोहरा रहे हैं कि पूज्य गुरु जी के पावन दिशा-निर्देशन में मानवता भलाई के कारवां को निरंतर आगे बढ़ाते जाएंगे। वहीं झूठी और बे सिर-पैर की अनर्गल बातें करके साध-संगत के हृदयों को आघात पहुंचाने वाले निदंकों के प्रति भारी रोष भी देखने को मिल रहा है। साध-संगत ने दो टूक कहा कि काल के नुमार्इंदे सतगुरु के बच्चों की एकजुटता को किसी भी सूरत में तोड़ नहीं सकेंगे। सच कहूँ प्रतिनिधियों से बात करते हुए कुछ डेरा श्रद्धालुओं ने अपने दिल के उद्गार कुछ इस प्रकार ब्यां किए।
पूज्य गुरु संत डॉ. गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां के हम पर उपकार गिनाए नहीं जा सकते। इसलिए किसी के बहकावे में आने का तो सवाल ही नहीं उठता। रूहानी पत्र के माध्यम से सतगुरु जी ने बेशुमार खुशियां बख्शी हैं। जब भी दरबार में सेवा का मौका मिलता है तो उसमें शिरकत करते हैं। अब कोशिश करेंगे कि ज्यादा से ज्यादा सेवा कमाएं, क्योंकि सतगुरु जी ने वचन किए हैं कि डेरा सच्चा सौदा दरबार में आने पर हर बार चौगुनी खुशियां मिलेंगी। ये हमारे लिए सुनहरी अवसर है।’’
श्रीराम इन्सां, भंगीदास हकीकत नगर पटियाला चौक (जीन्द)।
पूज्य गुरु जी पर हमारा पूरा दृढ़ विश्वास है, इसे दुनियां की कोई ताकत सुर्इं की नौंक जितना भी कम नहीं कर सकती। रूहानी पत्र के माध्यम से स्वयं सतगुरु जी ने अफवाहें फैलाने वालों से सतर्क रहने का आह्वान किया है। साथ ही रूस-यूक्रेन युद्ध के थमने के लिए प्रार्थना भी की गई। अब कोशिश रहेगी कि जितना हो सकेगा ज्यादा से ज्यादा बार दरबार में जाएंगे और सतगुरु जी की रहमतें प्राप्त करेंगे।’’
किशोरी इन्सां, गाँव जलालपुर खुर्द (जीन्द)
झूठ का पुलिंदा बांधने वालों की साजिशें कभी कामयाब नहीं होंगी, क्योंकि सतगुरु जी के प्रेम में बंधा आदरणीय शाही परिवार, डेरा सच्चा सौदा की मैनेजमेंट और साध-संगत पूरी तरह एकजुट हैं। पूज्य गुरु जी ने रूहानी पत्र के माध्यम से सभी के भ्रम-भुलेखों को दूर कर दिया है। साथ ही दरबार में आने के बारे में बेमिसाल वचन करके साध-संगत को खुशियों के खजाने बख्शें हैं। पूज्य गुरु जी सच्चे हैं और हमेशा सच्चे ही रहेंगे।’’
-प्रेम बंसल इन्सां, रोहतक रोड, जीन्द
डेरा सच्चा सौदा दरबार से जब से जुड़े हैं तभी से सतगुरु जी ने जीवन में कोई कमी नहीं छोड़ी, हर जायज मांग पूरी की। पूज्य गुरु जी हमारी पल-पल संभाल कर रहे हैं। रूहानी पत्र सुना तो वैराग्य में आँखें भर आई। अब तो दाता जी ने दरबार आने के लिए चौगुनी खुशियों के वचन कर दिए हैं, इसलिए अब कोई मौका नहीं चूकेंगे। सतगुरु जी के चरणों में यही अरदास है कि सेवा और सुमिरन का बल बख्शें।’’
सुमन इन्सां, गाँव कौथ कलां (जीन्द)
पूज्य गुरु जी ने हमेशा इन्सानियत का भला और सभी धर्मों का सत्कार किया है और हमें भी ऐसा की करने की सीख दी है। इसलिए इन्सानियत के मार्ग पर निरंतर आगे बढ़ते रहेंगे। सतगुरु जी खुशियां बख्शने का कोई न कोई जरिया बना देते हैं, अब रूहानी पत्र के माध्यम से रोहतक सफाई महा अभियान के लिए मंजूरी देकर हम पर बहुत बड़ा उपकार किया है। अब इस सफाई महा अभियान का बड़ी बेसब्री से इंतजार है।’’
रमेश इन्सां, जीन्द
पूज्य हजूर पिता जी म्हारे खातर भगवान सैं, जब तै नाम की दात मिली है, बेशुमार खुशियां अर रहमतें बरसण लाग री सै। सतगुरु जी नै सदा भलाई के काम करणे की प्रेरणा दी, जिस पै आज करोड़ों साध-संगत चालण लाग री सै। कुछ लोग झूठ बोलकर गुरु जी के केसां नै नुक्सान पहुंचाण की साजिश करण लाग रे सैं, लेकिन इब सतगुरु जी की रूहानी चिट्ठी नै सब कुछ साफ कर दिया। पूज्य गुरु जी की दया मेहर तै इब पहले तै भी घणी सेवा, सुमिरन अर परमार्थ में जोर लावाएंगे।’’
सन्तरा इन्सां, शिव कॉलोनी (जीन्द)
डेरा सच्चा सौदा दरबार एक ऐसा दर है, जहां दुखियों के दूर करके उनके चेहरों पर मुस्कान खिलाई जाती है, ये सब कर रहे हैं पूज्य गुरु जी। रूहानियत के इस सच्चे दर से जुड़कर जीवन में ऐसे-ऐसे करिश्में हुए जो कहने सुनन से परे हैं। जहां घरों से नशे और बुराइयां खत्म हुई, वहीं अच्छाई और इन्सानियत के मार्ग पर चलने की शक्ति मिली। अब पूज्य गुरु जी ने रूहानी पत्र भेजकर तड़पती रूहों को सुकून दिया है। मेरे दाता रहबर का लाख-लाख शुक्रिया। अब उनके चरणों में यही अरदास है कि जल्द से जल्द हम सबके बीच पधारें और हमें अपने नूरानी दर्श दीदार दें।’’
कर्म सिंह इन्सां, गाँव रूपगढ़ (जीन्द)
असीं बब्बर शेर दे बच्चे हां कोई लल्ली छल्ली थोड़ी हां, जिसनूं कोई भी आपणी बातां ‘च बरगलवा लवे। साध-संगत नूं गुमराह करण दी कोशिशां करण वालेआं दे हथ कुछ नहीं लगण वाला। साड़ा सतगुरु ते पूरा दृढ़ विश्वास है ते सदा ऐसे तरहां कायम रवेगा। चिट्ठी ‘च बापू ने दस्स ही दिता है कि किवें ओह साड़ी पल-पल संभाल कर रहे नें। असीं ओहनां दे अहसानां दा देण नी दे सकदे।’’
सुखपाल कौर इन्सां, प्रीत नगर (सरसा)।
काल के नुमाइंदे साध-संगत का सतगुरु जी के ऊपर से विश्वास तोड़ने के लिए तरह-तरह की साजिशें रच रहे हैं। पर अब पूज्य गुरु संत डॉ. गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां की रूहानी चिट्ठी आने से ऐसे लोगों के मुंह पर करारा तमाचा जड़ा गया है। चिट्ठी को सुनकर तो हमारा अपने सतगुरु से प्रेम और श्रद्धाभाव पहले से भी ज्यादा बढ़ गया है।’’
-जसपाल कौर, किलियांवाली, ब्लॉक लम्बी
कुछ लोग अर्नगल बातें करके पूज्य गुरु जी के केसों पर गलत प्रभाव डालने की कुत्सित चालें चल रहे हैं, लेकिन साध-संगत के दृढ़ विश्वास और दृढ़ हौंसले के आगे उनको मुंह की खानी पड़ेगी। प्राणों से प्यारे मेरे मुर्शिद-ए-कामिल आपको बारम्बार प्रणाम, आपने रूहानी चिट्ठी भेजकर अपने करोड़ों प्यारे बच्चों का बहुत-बहुत मान बढ़ाया है।’’
देशपाल राठी, मेरठ (उत्तर प्रदेश)
पूज्य गुरु जी के पत्र से सारे संशय से दूर हो गए, हमारा अपने पूज्य गुरु डॉ. एमएसजी पर पहले भी दृढ़ विश्वास था और अब चिट्ठी पढ़कर और अधिक हो गया है। सोशल मीडिया पर जो चुगलखोर निंदक पूज्य गुरु जी और मैनेजमेंट के बारे में भड़काने की कोशिश कर रहे हैं उनसे हम सचेत हो गए हैं। हम उनके बहकावे में कदापि नहीं आएंगे। ऐसे लोगों की साजिशें हर बार नाकाम होंगी। साध-संगत ऐसे लोगों के बारे में अच्छी तरह से जान गई है। हमारा पूज्य गुरु जी पर दृढ़ विश्वास ऐसे ही रहेगा।
रकम सिंह, मेरठ
जब पूज्य गुरु जी की चिट्ठी में सुना कि वे साध-संगत से कितना ज्यादा प्रेम करते हैं और हर पल अपने करोड़ों बच्चों का ध्यान रखते हैं तो आँखों से आँसू छलक आए। दूसरी ओर कुछ निंदक इस मुश्किल घड़ी में भी गुरू जी के केसों को नुक्सान पहुंचाने की मंशा से गलत अफवाहें फैला रहे हैं। लेकिन पूज्य गुरु जी की चिट्ठी से अब सब साफ हो गया है, बुराई से जुड़े ऐसे लोग अब कामयाब नहीं होने वाले हैं।’’
सरजू देवी, बुधनी (मध्य प्रदेश)
हमें पूज्य गुरू संत डॉ. गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां पर पूर्ण विश्वास है। कुछ लोग डेरा सच्चा सौदा के खिलाफ मनगढंत फिजूल की बातें गढ़ रहे हैं और साध-संगत में अफवाह फैलाने की कोशिश कर रहे हैं। लेकिन साध-संगत हमेशा इन लोगों से सचेत रहती है। ऐसे लोग कभी अपने मकसद में कामयाब नहीं होंगे। पूज्य गुरू जी ने चिट्ठी में भी वचन किए हैं कि ऐसे निंदक लोगों से बचकर रहना है। हम हमारे मुर्शिद के वचनों पर पहले भी चलते आए हैं और आगे भी चलते रहेंगे। हम पूज्य गुरु जी का कोटि-कोटि आभार व्यक्त करते हैं, जो साध-संगत की हर पल संभाल करते हैं।
मोहित शर्मा, गांधी नगर, दिल्ली।
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