संक्रमण को जल्दी नहीं नियंत्रित किया गया तो यह गिरावट ज्यादा भी हो सकती है
मुंबई (एजेंसी)। कोरोना वायरस ‘कोविड-19’ का संक्रमण फैलने से वैश्विक बाजारों के साथ-साथ घरेलू बाजारों में भी चौतरफा बिकवाली रही और बीएसई का सेंसेक्स 806.89 अंक यानी 1.96 प्रतिशत लुढ़ककर 40,363.23 अंक पर तथा नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी 242.25 अंक यानी 2.01 प्रतिशत लुढ़ककर 11,838.60 अंक पर बंद हुआ। यह दोनों प्रमुख सूचकांकों का तीन सप्ताह का निचला स्तर है। साथ ही आज की गिरावट 01 फरवरी को बजट पेश होने के दिन के बाद घरेलू शेयर बाजारों की सबसे बड़ी गिरावट भी है।
चीन का शंघाई कंपोजिट 0.28 फीसदी की गिरावट में बंद हुआ
बिकवाली का जोर इस कदर बाजार पर हावी रहा कि सेंसेक्स की सभी 30 और निफ्टी की सभी 50 कंपनियाँ लाल निशान में बंद हुईं। बीएसई के सभी समूहों के सूचकांक भी गिरावट में रहे। ‘कोविड-19’ का संक्रमण फैलने से दूसरे एशियाई बाजारों तथा यूरोपीय बाजारों में भी बिकवाली रही। दक्षिण कोरिया का कोस्पी 3.87 फीसदी, हांगकांग का हैंगसेंग 1.79 फीसदी और चीन का शंघाई कंपोजिट 0.28 फीसदी की गिरावट में बंद हुआ। यूरोप में शुरूआती कारोबार में ब्रिटेन का एफटीएसई 3.07 फीसदी और जर्मनी का डैक्स 3.48 फीसदी लुढ़क गए।
कॅमोडिटी क्षेत्र की कंपनियों पर कोरोना का सबसे ज्यादा दबाव देखा गया
अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष की प्रबंध निदेशक क्रिस्टीना जॉजीर्वा ने कहा है कि कोरोना के कारण इस साल वैश्विक अर्थव्यवस्था को 0.1 फीसदी का नुकसान हो सकता है जबकि चीन की विकास दर जनवरी में जारी अनुमान से 0.4 प्रतिशत कम रहने की संभावना है।
- इसके संक्रमण को जल्दी नहीं नियंत्रित किया गया तो यह गिरावट ज्यादा भी हो सकती है।
- कॅमोडिटी क्षेत्र की कंपनियों पर कोरोना का सबसे ज्यादा दबाव देखा गया।
- अंतर्राष्ट्रीय बाजार में कच्चा तेल पौने चार प्रतिशत लुढ़क गया।
- धातुओं में भी भारी गिरावट देखी गई।
- बीएसई में धातु समूह का सूचकांक सर्वाधिक पौने छह फीसदी टूटा।
- सेंसेक्स की कंपनियों में टाटा स्टील का शेयर करीब साढ़े छह फीसदी की गिरावट में रहा।
- ओएनजीसी में पौने पाँच प्रतिशत की गिरावट रही।