वॉशिंगटन: अमेरिकी मीडिया के मुताबिक भूटान ने अपने पड़ोसी तिब्बत पर चीन का कब्जा होते देखा है, इसलिए वह डोकलाम मामले में शुरू से भारत के साथ है। द न्यूयॉर्क टाइम्स में पब्लिश आर्टिकल में यह कमेंट किया गया है। इसमें ये भी कहा गया है कि डोकलाम के पठार को लेकर जारी इस गतिरोध का कारण चीन का अतिक्रमण है। बीजिंग किसी भी तरह भारत और भूटान की दोस्ती में खलल पैदा करना चाहता है, लेकिन फिलहाल उसकी कोई साजिश वहां सफल होते नहीं दिखती, क्योंकि भूटान भारत के साथ खड़ा है।
भूटान में है भारत की मिलिट्री एकेडमी
आर्टिकल में कहा गया है कि भारतीय सेना ने पिछले कई दशकों से भूटान के ‘हा’ कस्बे में अपनी मिलिट्री एकेडमी बना रखी है। वहां सैनिकों को ट्रेनिंग भी दी जाती है और अच्छी खासी आर्टिलरी भी वहां मौजूद है। हा कस्बा भूटान-चीन के विवादित बॉर्डर एरिया से सिर्फ 21 km दूर है। एकेडमी के अलावा वहां सैन्य अस्पताल, गोल्फ कोर्स भी हैं।
इन सबसे पता चलता है कि इंडियन मिलिट्री हिमालय की वादियों में बसे भूटान को किस तरह सुरक्षा कवच देती है। जून में विवादित बॉर्डर एरिया में जब चीनी सैनिक सड़क बना रहे थे, तब भारतीय सैनिकों ने ही उनका काम रुकवाया था। तब से 50 दिन से अधिक बीत चुके हैं, दोनों देशों के सैनिक वहां आमने-सामने तैनात हैं। इस विवाद का एक पक्ष भूटान की सोवेरिनटी (सम्प्रभुता) सुरक्षित बनाए रखना भी है।
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