मेडीकल संस्थानों में तैनात चिकित्सक भी 65 की उम्र में होंगे रिटायर

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 पहले 58 वर्ष की आयु में सेवानिवृति का था प्रावधान

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सच कहूँ न्यूज चंडीगढ़।

स्वास्थ्य विभाग की तर्ज पर विश्वविद्यालय या अन्य संस्थानों में नियुक्त नियमित चिकित्सकों की सेवानिवृति (Doctors, Medical, Retire, Age 65) आयु सीमा भी अब 58 वर्ष से बढ़ाकर 65 वर्ष कर दी गई है। मंगलवार को मुख्यमंत्री मनोहर लाल की अध्यक्षता में आयोजित मंत्रिमंडल की बैठक में इस पर मुहर लग गई। बता दें कि राज्य स्वास्थ्य विभाग ने एचसीएमएस डॉक्टरों की सेवानिवृत्ति की आयु को पहले ही 58 वर्ष से बढ़ाकर 65 वर्ष तक कर दिया है। अब प्रदेश में एचवीपीएनएल व एचपीजीसीएल में काम कर रहे नियमित चिकित्सा अधिकारियों के लिए केवल परामर्शदाता और वरिष्ठ परामर्शदाता के रूप में नैदानिक डयूटी करने हेतु सेवानिवृत्ति की आयु अब 58 वर्ष से बढ़ाकर 65 वर्ष कर दी है। मंत्रीमंडल बैठक में इसके अलावा कई और अहम प्रस्तावों को मंजूरी दी गई।

 दीन दयाल जन आवास योजना-2016 में भी बदलाव

इस दौरान दीन दयाल जन आवास योजना-किफायती प्लॉटिड आवास नीति, 2016 में संशोधन करने के प्रस्ताव को स्वीकृति प्रदान की गई। संशोधन के अनुसार, दीन दयाल जन आवास योजना-2016 के तहत अब सैक्टरों के कुल नियोजित क्षेत्र के 40 प्रतिशत तक के लिए लाइसेंस आवेदनों को अनुमति दी जाएगी और 90 दिनों की ओपनिंग विंडो की समाप्ति के बाद भी आवेदन लिए जाएंगे। सरकार द्वारा अप्रैल, 2016 में शुरू की गई इस अत्यंत सफल योजना में 40 प्रतिशत तक आवेदनों को लाइसेंस की अनुमति देने के निदेशक, नगर एवं ग्राम आयोजना के विवेकाधिकार को वापस ले लिया जाएगा।

गुरुग्राम में एसपीओ नियुक्त होंगे एक हजार भूतपूर्व सैनिक

हरियाणा सरकार ने पुलिस कमिश्नरेट, गुरुग्राम में नाइट डयूटी करने के लिए सेना से अतिरिक्त एक हजार भूतपूर्व सैनिकों को विशेष पुलिस अधिकारी (एसपीओ) के रूप में नियुक्त करने की स्वीकृति प्रदान करने का निर्णय किया है। इस आशय का निर्णय मुख्यमंत्री मनोहर लाल की अध्यक्षता में मंगलवार को यहां हुई राज्य मंत्रिमंडल की बैठक में लिया गया। यह निर्णय पुलिस बल को सुदृढ़ करने और अवांछित घटनाओं के साथ-साथ विशेष रूप से रात्रि के दौरान महिलाओं के विरूद्घ अपराधों को प्रभावी रूप से रोकने में पुलिस को सक्षम बनाने के लिए लिया गया है। भूतपूर्व सैनिक सभी मौसमों में चरम परिस्थितियों से निपटने के लिए अच्छी तरह से प्रशिक्षित होते हैं और उन्हें एसपीओ के रूप में पुलिस बल का हिस्सा बनाने से निश्चित रूप से इन परिस्थितियों में पुलिस प्रदर्शन का स्तर बढ़ेगा।

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