- अंगदान कर तीन लोगों को दिया नया जीवन
- सड़क हादसे में घायल होने के बाद डॉक्टरों ने घोषित की थी ब्रेनडेड
सच कहूँ/कंवरपाल
Ambala। डेरा सच्चा सौदा के अनुयायी न सिर्फ इस जहां में (body donation) रहते हुए बल्कि इस दुनिया से रूखस्त होकर भी इन्सानियत की मिसाल पेश कर जाते हैं। ऐसा ही एक उदाहरण बनीं अंबाला जिले के गांव भारी की सचखंडवासी अमनजोत कौर इन्सां (20)। दरअसल अमनजोत कौर का 26 अप्रैल 2023 का अंबाला शहर के पॉलिटेक्निक कॉलेज जाते समय सड़क हादसे में ब्रेन डेड हो गया था। इसके बाद परिजनों ने पूज्य गुरु संत डॉ. गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां की पावन प्रेरणा पर चलते हुए उनके अंगदान कर दिए, जिनसे तीन लोगों को नया जीवन मिला।
जानकारी के अनुसार अमनजोत कौर इन्सां के पिता गुरदीप सिंह इन्सां ने बताया कि मेरी बेटी अमनजोत कौर अंबाला की गवर्नमेंट पॉलिटेक्निक कॉलेज में पढ़ती थी। वो अपने दोस्त के साथ पढ़ने के लिए जा रही थी। रास्ते में जाते समय अज्ञात कार चालक ने पीछे से उनकी मोटरसाइकिल को टक्कर मारी, जिसके कारण अमनजोत कौर सड़क पर ही गिर गई। हादसे के दौरान अमनजोत कौर के सिर में गहरी चोट लगी, उसको तुरंत अंबाला शहर के सिविल हॉस्पिटल में दाखिल कराया गया। लेकिन वहां पर इलाज न होने के कारण उसको तुरंत पीजीआई चंडीगढ़ के लिए रेफर कर दिया गया। काफी दिनों तक डॉक्टरों ने बड़े ही मुस्तैदी से उसको बचाने की कोशिश किया, लेकिन कुछ समय के बाद डॉक्टरों ने उनके दिमाग को डेड घोषित कर दिया।
ये सुनते ही उनके ऊपर दु:खों का पहाड़ टूट पड़ा। इस भारी दु:ख के बावजूद गुरदीप सिंह ने पूज्य गुरु संत डॉ. गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां की पावन शिक्षाओं पर चलते हुए इन्सानियत की सेवा को सर्वोपरि रखते हुए अपनी बेटी के अंगदान करने का निर्णय लिया।
अमनजोत कौर के हृदय को गुरुग्राम के मेदांता अस्पताल में 26 वर्षीय युवक को प्रत्यारोपित किया गया। पीजीआई के चिकित्सा अधीक्षक प्रोफेसर डॉ. विपिन कौशल ने बताया कि अमनजोत कौर के फेफड़े चेन्नई के एमजीएम अस्पताल में 62 वर्ष की बुजुर्ग महिला को प्रत्यारोपित किए गए। लीवर पीजीआई में एक मरीज को प्रत्यारोपित किया गया। गौरतलब है कि पीजीआई चंडीगढ़ में लीवर ट्रांसप्लांट की शुरूआत 2011 में हुई थी। अब तक पीजीआई में 75 लीवर पीजीआई में ट्रांसप्लांट की जा चुके हैं। 31 लीवर बाहर ट्रांसप्लांट करवा चुके हैं। इसके साथ ही कुल 106 लीवर दान हुए हैं।