पिता ने पैसा पानी की तरह बहाया, पर नहीं हुआ इलाज
दोनों पांवों के बाद पूरे शरीर पर हावी हुआ रोग
जैतसर (सच कहूँ न्यूज)। गांव 4 जेएसडी के वार्ड नम्बर 6 में रहने वाले कुशाल की उम्र महज अभी सात साल ही है, उसका मन भी करता है कि वह गली में खेल रहे बच्चों के साथ खेले, पर कुशाल के साथ बच्चे खेलने से गुरेज कर रहे है।
क्योंकि कुशाल के एक ऐसी बीमारी है, जिसके कारण सभी उसके साथ खेलने से मना कर देते है। (do-not-wear-clothes) गांव 4 जेएसडी में रहने वाले किशन लाल का बेटा कुशाल पिछले चार साल से ऐसी बीमारी से ग्रसित है, जिसका इलाज आसपास के चिकित्सालयों में नहीं हो पा रहा है। पिता ने पुत्र के इलाज के लिए पैसा भी पानी की तरह बहा दिया है, पर इस बीमारी ने कुशाल का पीछा नहीं छोड़ा है। त्वचा से जुड़ी इस बीमारी के कारण कुशाल के दोनों पैर खराब हो गए है। दोनों पांवों में इतने घाव है कि उन्हें देख पाना भी मुश्किल हो रहा है। कुशाल की मां सुनीता बेटे की बीमारी को दूर करने के लिए नीम की पत्तियों का रोजाना उपयोग कर गर्म पानी से इस बीमारी को ठीक करने की कोशिश कर रही है।
पुत्र के प्रति वात्सल्य भाव होने के बाद भी बीमारी पीछा नहीं छोड़ रही है। घर पर आने वाले व्यक्ति जब कोई देशी दवा के रुप में कुछ भी बताते है तो सुनीता पुत्र के ठीक होने की संभावना को जानकर पति से वह वस्तु लाने के लिए कह देती है। पिता भी पुत्र के इलाज में कोई कसर नहीं छोड़ना चाहते है।
अब किशन के पास भी इतने रुपए नहीं रहे है कि वह कुशाल का इलाज करवा सकें। वहीं पैरों से प्रारंभ हुई इस बीमारी ने अब शरीर के उपरी हिस्से में भी अपना असर दिखाना शुरू कर दिया है। बीमारी के कारण पांव गलने लग गए है व कुशाल को पिछले चार साल से पहनाए जाने वाले कपड़े भी अखर रहे है। जिसके चलते कुशाल पहनाए जाने वाले कपड़े फाड़ देता है। किशन के पास स्वयं का घर नहीं है। पड़ोस में रहने वाले धर्मपाल शर्मा ने उसे एक कमरा बना कर दिया है।
वहीं किशन को किसी भी सरकारी योजना का लाभ नहीं मिल रहा है। कुशाल के पिता ने बताया कि वह अपने पुत्र का इलाज करवाने में असमर्थ है। चार अन्य संतानों का भी पेट पालना किशन के लिए मुश्किल हो गया है। वहीं स्थानीय चिकित्सकों ने बताया कि त्वचा रोग विशेषज्ञ के पास कुशाल का इलाज हो सकता है।
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