कुशीनगर (एजेंसी)। Kushinagar News: उत्तर प्रदेश के कुशीनगर जिला प्रशासन ने फसल अवशेष के प्रबंधन की सलाह देते हुये किसानो को चेताया है कि वायु प्रदूषण में इजाफा करने में सहायक पराली को जलाने पर सख्त कार्रवाई की जा सकती है। उप कृषि निदेशक आशीष कुमार ने सोमवार को सभी किसानों एवं कम्बाइन मालिकों को अवगत कराया कि शासन के आदेश है कि कम्बाईन हार्वेस्टर के साथ यथा सम्भव सुपर एसएमएस का प्रयोग किया जाये। जब तक कम्बाईन में सुपर एसएमएस न लग जाये। तब तक विकल्प के रुप में अन्य फसल अवशेष प्रबन्धन के कृषि यंत्रों जैसे स्ट्रारीपर, स्ट्रारेक व बेलर, मल्चर, पैडी स्ट्रा चापर, श्रब मास्टर, रोटरी श्लेसर, रिवर्सिबुल एमबी प्लाउ का भी प्रयोग कम्बाईन हार्वेस्टर के साथ किया जा सकता है। Farmers News
उन्होने कहा कि कम्बाईन हार्वेस्टर के संचालक की जिम्मेदारी है कि वह कम्बाईन के साथ उपरोक्त यंत्रों का प्रयोग खरीफ में धान की फसल की कटाई करते समय अनिवार्य रुप से करें तथा उपरोक्त यंत्रों के बिना कटाई करते हुए पकड़े जायेंगे तो उनकी कम्बाईन मशीन उनके क्षेत्र के फसल अवशेष जलाने से रोकने के लिए गठित टीम द्वारा जब्त कर ली जायेगी।अधिकारी ने किसानों को अवगत कराया है कि वह खरीफ में धान फसल की कटाई करते समय धान फसल के अवशेष को न जलायें। यदि किसी गांव में फसल अवशेष जलाने की घटनायें घटित होती हैं तो संबंधित किसान को दण्डित किया जायेगा, साथ ही उस ग्राम पंचायत के ग्राम प्रधान एवं उस ग्राम के लेखपाल तथा अन्य ग्राम पंचायत स्तरीय कर्मचारी भी उत्तरदायी होंगे। Farmers News
उन्होने बताया कि फसल अवशेष जलाने के घटना की सूचना सेटेलाईट के माध्यम से प्राप्त हो जाती है, जिस पर एनजीटी के नियमानुसार रुपये 2500 से रुपये जुमार्ना अधिरोपित किया जायेगा तथा सुसंगत धाराओं में एफआईआर भी दर्ज कराई जायेगी। एनजीटी के नियमानुसार 2500 से रुपए 15000 तक जुमार्ना अधिरोपित किया जाएगा तथा सुसंगत धाराओं में एफआईआर भी दर्ज कराई जाएगी। जनपद में कुछ कृषक उत्पादक संगठनों द्वारा पराली एकत्रिकरण का कार्य किया जाना है। किसानों से अपील है कि पराली को न जलाये एवं इन संगठनों से सम्पर्क कर इनकों पराली देना सुनिश्चित करें। Farmers News
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