सरसा। पूज्य गुरू संत डॉ. गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां फरमाते हैं कि मालिक का नाम सुखदायी है और हमेशा साथ देने वाला है। इसलिए अगर आप सुमिरन करते हैं तो आपके अंत:करण की मैल धुल जाती है और आप मालिक की दया-दृष्टि के काबिल बनते चले जाते हैं। पूज्य गुरु जी फरमाते हैं कि जन्म-मरण का चक्कर सदियों लम्बा है। आत्मा को मालिक से बिछुड़े हुए सदियां गुजर गई। इसका कुछ पता नहीं कि आत्मा मालिक में कब समाएगी। अगर आपको इसका पता करना है तो आप मालिक का नाम जपो। मालिक का नाम आपको पता ही नहीं करवाएगा बल्कि दिखा भी देगा कि उस मालिक से मिलाप कैसे होता है। उस मालिक ने आपकी आंख बना देनी है और उस आंख से आपको मालिक ही मालिक नजर आने लगेगा।
आप जी फरमाते है कि मालिक का नाम जपना हर इन्सान के लिए जरूरी है। मालिक के नाम से इन्सान के गम, चिंता, परेशानियां दूर हो जाती हैं। इन्सान अपने सतगुरु पर दृढ़ विश्वास करे, सुमिरन करे तो ऐसे-ऐसे करिश्मे, मालिक की रहमत की ऐसी नूर-ए-नजर हुई है जो अपने आप में अजूबों का भी बाप है, लेकिन इसके लिए आदमी वचनों पर पक्का रहे, सुमिरन करता रहे। जब कोई गम, चिंता या काम पड़ता है तो हर कोई काली, पीली, नीली गाय बन जाता है। मजा तो तब है जब सुख में भी ऐसा बनकर दिखाओ परन्तु सुख में तो मालिक याद ही नहीं रहता।
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