नई दिल्ली (एजेंसी)। डीएनए प्रोफाइलिंग के जरिये पहचान स्थापित करने तथा इसका दुरुपयोग रोकने औश्र राष्ट्रीय एवं क्षेत्रीय स्तर पर सुरक्षित एवं व्यवस्थित डीएनए डाटा बैंक बनाने के प्रावधान वाला विधेयक (DNA bill) मंगलवार को लोकसभा में ध्वनिमत से पारित हो गया।
विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने डीएनए प्रौद्योगिकी (प्रयोग और लागू होना) विनियमन विधेयक, 2018 पर हुई चर्चा का जवाब देते हुये कहा कि विधेयक डेढ़ दशक की कड़ी मेहनत से तैयार किया गया है। इसके लिए 2011 में विशेषज्ञों की एक समिति भी बनायी गयी थी जिसने दो साल तक इस पर गहन विचार-विमर्श किया।
राष्ट्रीय तथा क्षेत्रीय स्तर पर डाटा बैंक बनाने की व्यवस्था की गई है | DNA bill
विधेयक के प्रारूप को अंतिम रूप देने के लिए समिति की दो साल तक कई महत्वपूर्ण बैठकें हुई हैं। उन्होंने विधेयक पर हुई चर्चा के दौरान सदस्यों द्वारा डीएनए डाटा के दुरुपयोग संबंधी आशंकाओं को खारिज किया तथा सदन को आश्वस्त किया कि इसमें सुरक्षा के पूरे बंदोबस्त किये गये हैं। साथ ही उन्होंने विधेयक पेश करते समय यह भी कहा कि देश के हर व्यक्ति का डीएनए प्रोफाइल एकत्र करने की कोई योजना नहीं है। उन्होंने कहा कि डीएनए प्रोफाइल डाटा पूरी तरह से संरक्षित और सुरक्षित रखने के प्रावधान किये गये हैं और इसके लिए राष्ट्रीय तथा क्षेत्रीय स्तर पर डाटा बैंक बनाने की व्यवस्था की गई है।
डाटा बैंक की सूचनाओं, सुरक्षा, संरक्षण और इसके इस्तेमाल के लिए अंतरराष्ट्रीय स्तर के मानकों का पालन किया गया है। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि अमेरिका, ब्रिटेन, कनाडा, नार्वे, फिनलैंड, आॅस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड और बंगलादेश समेत दुनिया के 60 देशों में डीएनए प्रोफाइलिंग और डाटा बैंक के लिए कानून हैं। इससे गृह मंत्रालय, रक्षा मंत्रालय, विदेश मंत्रालय, महिला एवं बाल विकास मंत्रालय तथा सीबीआई और एनआईए जैसी एजेंसियाँ लाभांवित होंगी।
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