तीन करोड़ रुपये की लागत से बनकर तैयार हुआ नगरपालिका का कूड़ा निस्तारण प्लांट
- ठोस अपशिष्ट प्रबंधन से पालिका प्रशासन को नगर के कूड़ा निस्तारण की समस्या से मिलेगी निजात
कैराना (सच कहूँ न्यूज)। डीएम रवींद्र कुमार ने कैराना पहुंचकर कार्यदायी संस्था कंस्ट्रक्शन एंड डिजाइन सर्विसेज(सीएनडीएस) द्वारा नगरपालिका के नवनिर्मित कूड़ा निस्तारण प्लांट का निरीक्षण किया। उन्होंने कूड़ा निस्तारण प्लांट को शीघ्र नगरपालिका को हस्तांतरित किये जाने के निर्देश दिए है। Kairana News
सोमवार को डीएम रवींद्र कुमार कस्बे के गंदराऊ मार्ग पर स्थित नगरपालिका परिषद कैराना के नवनिर्मित कूड़ा निस्तारण प्लांट के निरीक्षण को पहुंचे। उन्होंने कार्यदायी संस्था कंस्ट्रक्शन एंड डिजाइन सर्विसेज(सीएनडीएस) द्वारा निर्मित किये गए कूड़ा निस्तारण प्लांट की भौतिक स्थिति का बारीकी से जायजा लिया। डीएम ने सीएनडीएस के अवर अभियंता अनिल कुमार से कूड़ा निस्तारण प्लांट के सम्बन्ध में विस्तृत जानकारी हासिल की। उन्होंने कार्यदायी संस्था के अधिकारियों को नवनिर्मित कूड़ा निस्तारण प्लांट को नगरपालिका को हस्तांतरित किये जाने की प्रक्रिया शीघ्र पूर्ण करने के निर्देश दिए है। इस दौरान एसडीएम स्वप्निल कुमार यादव, नगरपालिका के अवर अभियंता सिविल सूरजपाल शर्मा आदि मौजूद रहे।
तीन करोड़ की लागत से तैयार हुआ कूड़ा निस्तारण प्लांट | Kairana News
नगरपालिका के अवर अभियंता सिविल सूरजपाल शर्मा ने बताया कि विगत दिनों शासन स्तर से कूड़ा निस्तारण प्लांट के निर्माण हेतु धनराशि स्वीकृत की गई थी। कंस्ट्रक्शन एंड डिजाइन सर्विसेज जल निगम(सीएनडीएस) को कूड़ा निस्तारण प्लांट के निर्माण की जिम्मेदारी सौंपी गई थी। उन्होंने बताया कि नवनिर्मित कूड़ा निस्तारण प्लांट लगभग तीन करोड़ रुपये की लागत से बनकर तैयार हुआ है। पालिका प्रशासन द्वारा कूड़ा निस्तारण प्लांट एवं डंपिंग ग्राउंड के लिए करीब चौबीस बीघा भूमि खरीदी गई है। कूड़ा निस्तारण प्लांट का कार्यभार शीघ्र ही नगरपालिका के पास आ जायेगा। Kairana News
50 टन कूड़ा रोजाना निस्तारण करनी की है क्षमता | Kairana News
नगरपालिका के नवनिर्मित प्लांट से रोजाना पचास टन कूड़ा निस्तारित किया जा सकेगा। जेई सूरजपाल शर्मा ने बताया कि ठोस अपशिष्ट प्रबंधन होने से नगर के कूड़ा निस्तारण की समस्या से छुटकारा मिलेगा। ठोस अपशिष्ट प्रबंधन की व्यवस्था न होने से आमजन के स्वास्थ्य पर भी प्रतिकूल प्रभाव पड़ता था। इससे कूड़े के ढेर से फैलनी वाली दुर्गंध, पैदा होने वाले बीमारी जनित बैक्टीरिया, मक्खी-मच्छर आदि से भी निजात मिलेगी। हवा की गुणवत्ता में भी सुधार होगा।
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