गीता महोत्सव में गोबर से बने जलेंगे लाखों दीप

Geeta-Festival

तैयारी। डाक द्वारा विदेशों भी भेजे जाएंगे दीप

सच कहूँ/देवीलाल बारना कुरुक्षेत्र। गीता मनीषी ज्ञानानंद ने कहा कि अंतर्राष्टÑीय गीता महोत्सव को लेकर देश-विदेश में गाय के गोबर से बने लाखों दीप जलाए जाएंगे। इन दीपों को विदेशों में जीओ गीता की तरफ से डाक द्वारा भेजा जाएगा। इन दीपों को बनाने के लिए सभी गऊशालाओं का सहयोग लिया जा रहा है। यह दीप अंतर्राष्टÑीय गीता महोत्सव-2020 के समापन समारोह 25 दिसम्बर दीपदान के दिन रोशन किए जाएंगे। इतना ही नहीं 25 दिसम्बर को कारागारों में भी गीता पाठ और यज्ञ का आयोजन किया जाएगा।

इस महोत्सव को लेकर जीओ गीता की तरफ से 19 दिसम्बर से लेकर 25 दिसम्बर तक गीता सप्ताह के रुप में विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन किया जाएगा। इन सभी कार्यक्रमों को आनलाईन प्रणाली से देश-विदेश तक पहुंचाया जाएगा और कोविड-19 की गाईड लाईंस के अनुसार सभी कार्यक्रमों का आयोजन किया जाएगा। ज्ञानानंद शनिवार को गीता ज्ञान संस्थानम में पत्रकारों से बातचीत कर रहे थे। उन्होंने कहा कि भगवान श्रीकृष्ण ने कुरुक्षेत्र की पावन धरा से पूरे विश्व को गीता के उपदेश दिए। इस पवित्र ग्रंथ गीता के उपदेश आज भी पूरे विश्व के लिए प्रासंगिक है। इसलिए कुरुक्षेत्र का महत्व पूरे विश्व में है।

19 से 25 दिसम्बर तक मनाया जाएगा गीता सप्ताह

ज्ञानानंद ने कहाकि 19 से 25 दिसम्बर तक गीता सप्ताह के रुप में मनाया जाएगा। इन कार्यक्रमों का शुभारम्भ 19 दिसम्बर को सुबह 9 बजे से 10 बजे तक गीता पूजन और यज्ञ के साथ किया जाएगा। इससे पहले ब्रहमसरोवर का पूजन किया जाएगा और संस्थानम में पवित्र ग्रंथ गीता को लेकर फेरी लगाई जाएगी और एक स्थान पर पवित्र ग्रंथ गीता को स्थापित किया जाएगा। उन्होंने कहा कि कारागारों में भी गीता यज्ञ और गीता पाठ किया जाएगा। पवित्र ग्रंथ गीता कुरुक्षेत्र से ही नहीं हर क्षेत्र के साथ जुड़ सके, इन प्रयासों को सभी के सहयोग से अमलीजामा पहनाया जा सकेगा।

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