मांगों को लेकर विकलांग उत्थान समिति के सदस्यों ने विधायक को सौंपा ज्ञापन
सच कहूँ/सन्नी कथूरिया, पानीपत। मांगों को लेकर पिछले दो महीने से लघु सचिवालय के सामने अनिश्चितकाल धरने पर बैठे विकलांग उत्थान समिति के सदस्यों ने वीरवार को रोड प्रदर्शन करते हुए सरकार के खिलाफ नारेबाजी की। मांगों को लेकर विकलांग उत्थान समिति के सदस्य पहले भी अर्धनग्न होकर प्रदर्शन कर चुके हैं और मुख्यमंत्री के साथ गृह मंत्री को भी ज्ञापन सौंप चुके हैं। इसी कड़ी में वीरवार को एकबार फिर दिव्यांग (Divyang) विधायक कार्यालय पहुंचे और विधायक को मांगों को लेकर ज्ञापन सौंपा।
दिव्यांगों की ये हैं मुख्य मांगें
- दिव्यांग (Divyang) जनों की भी चुनाव प्रक्रिया में सीट आरक्षित की जाए।
- नि:शक्त आयुक्त सम्मिलित राज्य स्तरीय कमेटी में उनके तीन सदस्यों को शामिल किया जाए।
- दिव्यांग कल्याण केंद्र की स्थापना की जाए, जिसमें आवश्यक पदों पर नियुक्ति हो।
- पांच सदस्यीय कमेटी गठित हो जो दिव्यांगों को घर द्वार पर योजनाओं के बारे में बताए।
- दिव्यांगों को डीसी रेट के मासिक पेंशन दी जाए।
- हरियाणा के सभी विभागों में 1995 से खाली बैकलॉग को भरा जाए।
- तहसील में बैठने वाले स्टांप वेंडर कार्य का लाइसेंस दिव्यांगों को उपलब्ध करवाए जाए।
- 40 प्रतिशत वाले दिव्यांगों का पेंशन, बस पास व रेल पास बनाए जाए।
- दिव्यांगों को रजिस्ट्री स्टांप ड्यूटी पर 50 प्रतिशत की छूट दी जाए।
सीएम के खिलाफ नारेबाजी पर भड़के विधायक
विकलांग उत्थान समिति के सदस्यों ने विधायक कार्यालय के बाहर सरकार में मुख्यमंत्री के खिलाफ जमकर नारेबाजी की।करीब 20 मिनट के बाद विधायक अपने कार्यालय से बाहर आए और दिव्यांगों (Divyang) से बोले कि वे सीएम के खिलाफ एक शब्द भी नहीं सुनेंगे। इतना कहने के बाद विधायक वापिस कार्यालय में जाने लगे तो दिव्यांगों ने उनकी समस्याएं सुनने के बारे में उनसे आग्राह किया। जिसके बाद दिव्यांगों (Divyang) और विधायक के बीच बातचीत हुई। विधायक ने ज्ञापन लिया और आश्वसन दिया कि आपकी मांगे सीएम साहब तक पहुंचा दी जाएंगी।
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