मलेशिया सम्मेलन से पाक और सऊदी अरब ने किया किनारा
इस्लामाबाद (एजेंसी)। मुस्लिम (Muslim)बहुल देशों की एकजुटता को लेकर किए जा रहे दावों की कलई खुल गई है। पाकिस्तान और सऊदी अरब ने मलेशिया की राजधानी कुआलालंपुर में प्रमुख मुस्लिम देशों के सम्मेलन का बहिष्कार कर दिया। वहीं तुर्की ने सऊदी पर पाक के ऊपर दबाव बनाने का आरोप लगाया है। पाकिस्तान ने अपने निर्णय के पीछे ‘उम्माह’ में संभावित विभाजन की कुछ मुस्लिम देशों की चिंताओं को दूर करना बताया है। पाकिस्तानी विदेश विभाग के प्रवक्ता ने ट्वीट में कहा कि पाकिस्तान उम्माह की एकता और एकजुटता में सहयोग जारी रखेगा।
57 मुस्लिम देशों के संगठन से बताया बाहर Muslim
सऊदी अरब ने कहा कि उसके नेता शिखर सम्मेलन में भाग नहीं ले रहे हैं। क्योंकि यह जेद्दा में स्थित मुस्लिम देशों के 57 सदस्यीय संगठन इस्लामिक सहयोग संगठन के तत्वावधान में नहीं बल्कि उसके बाहर आयोजित किया जा रहा है। पाकिस्तानी सेंट्रल बैंक ने इस साल जनवरी में सऊदी अरब से बैलेंस-आफ-पेमेंट सपोर्ट प्रोग्राम के हिस्से के रूप में अपना तीसरा और आखिरी एक अरब डॉलर का हिस्सा प्राप्त किया।
खुद इमरान थे प्रस्तावकों में शामिल Muslim
पाकिस्तानी प्रधानमंत्री इमरान खान, मलेशियाई प्रधानमंत्री और तुर्की के राष्ट्रपति के साथ शिखर सम्मेलन के पीछे प्रमुख प्रस्तावकों में शामिल थे। खान ने आखिरी क्षणों में इस सम्मेलन से अलग होने का निर्णय लिया। कुआलालंपुर में वीरवार से शुरू हुए चार दिवसीय सम्मेलन में इस्लामी दुनिया के कुछ ज्वलंत मुद्दों पर चर्चा की जा रही है।
तुर्की का दावा
- सऊदी अरब ने पाकिस्तान को थी चेतावनी
- 40 लाख पाकिस्तानियों को वापिस भेज देंगे
- बेरोजगार बांग्लादेशियों को फिर से देंगे काम
- अपने पैसे वापस भी मांगे वापिस
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