लोक संपर्क एवं कष्ट निवारण समिति की बैठक में नहीं पहुंचे थे डीएसओ
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मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने 16 अक्टूबर 2021 को किया था सस्पेंड
सच कहूँ/संजय मेहरा, गुरुग्राम। आखिरकार जिला खेल अधिकारी को अपनी कुर्सी गंवानी ही पड़ी। करीब एक महीने पहले मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने उन्हें सस्पेंड किया था, लेकिन वे कुर्सी से नहीं हट पाए थे। बताया जा रहा है कि किसी तरह से बीच का रास्ता निकालकर वे कुर्सी पर बने हुए थे। सस्पेंड होने के बाद अब उन्होंने कुर्सी छोड़ी है।
बता दें कि 16 अक्टूबर 2021 को मुख्यमंत्री मनोहर लाल की अध्यक्षता में जिला लोक संपर्क एवं कष्ट निवारण समिति की बैठक हुई थी। मुख्यमंत्री के समक्ष बैठक में गांव खंडेवला में खेल से संबंधित एक समस्या रखी गई। जिस पर मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने जिला खेल अधिकारी को बुलाया गया। खेल अधिकारी जे.जी. बैनर्जी बैठक में नहीं था और न ही बैठक में नहीं आने का कोई कारण उन्होंने बताया था। यानी वे बिना किसी सूचना के अनुपस्थित थे। इसे अनुशासनहीनता मानते हुए मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने तत्काल उनके निलंबन के आदेश कर दिए। इन आदेशों के बाद मीडिया में भी खूब खबरें आई और खेल विभाग में भी खलबली मची।
कायदे से खेल अधिकारी को सस्पेंड होने के मुख्यमंत्री के आदेशों के बाद कुर्सी छोड़ देनी चाहिए थी, लेकिन वे पद पर बने रहे। नियमित अपना काम करते रहे। हर जगह दोस्त, दुश्मन पैदा हो जाते हैं। संभवत: खेल विभाग में जेजी बैनर्जी के भी बहुत विरोधी होंगे। सूत्रों के अनुसार खेल विभाग के कुछ लोगों ने इस मुद्दे को ठंडा नहीं होने दिया। अंदरखाने वे जेजी बैनर्जी को हटाने के लिए सिफारिशें करते रहे। चर्चा है कि उन्हीं के विरोध के चलते अब खेल अधिकारी को अपनी कुर्सी छोड़नी पड़ी।
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