बठिंडा(अशोक वर्मा)। बठिंडा (Bathinda) जिले में दो फ्लाईओवरों व यातायात शुरु होने से रेलवे फाटकों के रुकावटों की आखिरी मार खत्म हो गई है। राष्ट्रीय सड़क मार्ग पर आते बठिंडा-सिरसा रेल मार्ग पर बठिंडा (Bathinda) शहर का यह आखिरी ओवर ब्रिज है, जिसके निर्माण के बाद बठिंडा रेल फाटकों के झंझटों से पूरी तरह मुक्त हो गया है। इस तरह ही बठिंडा -दिल्ली रेलवे लाईन व भाई बखतौर गांव के पास बठिंडा -मानसा सड़क पर रेलवे क्रॉसिंग, सी -221 पर बने ओवरब्रिज को भी आज आम लोगों के लिए खोल दिया गया है।
पिछले कई वर्षों से इन दोनों फाटकों पर ओवरब्रिज बनाने की मांग की जा रही थी, जो आज यातायात शुरू होने से पूरी हो गई है चाहे इन फ्लाईओवरों के शुरु होने मौके पंजाब में कांग्रेस की सरकार है परंतु अकाली भाजपा गठबंधन के पक्ष में यह बात जाती है कि उसने अपने दस वर्षों के कार्यकाल में बठिंडा (Bathinda) जिले को रेलवे फाटकों से मुक्त कर दिया है।
राष्ट्रीय सड़क मार्गों पर बने यह दोनों ओवरब्रिज भविष्य में टोल टैक्स के रूप में आम आदमी की जेब पर कितनी कैंची चलाएंगें यह तो वक्त ही बताएगा परंतु इन प्रोजेक्टों का अच्छा पक्ष है कि इनके पूरे होने के बाद वाहन फरार्टो के साथ दौड़ने लगे हैं। इन राष्ट्रीय शाहराह मार्गों पर जहां बस सफर और अधिक सुरक्षित व आसान हो जायेगा, वहीं इस क्षेत्र वाले शहरों की दूरी भी कम समय में तय होने लगेगी।
(Bathinda) बठिंडा-डबवाली सड़क पर यातायात शुरु हुआ तो बस चालक भी काफी खुश नजर आ रहे थे। प्राईवेट बस चालक बलकार सिंह ने कहा कि इससे उनका कम से कम 20 मिनट का समय बच जाएगा व जो मुलतानिया रोड फ्लाईओवर से होकर आने में लग जाता था। उन्होंने बताया कि यह काम तो कई वर्ष पहले करने की जरूरत थी परन्तु ‘देर आई दुरुस्त आई’ अच्छा ही है।
श्री गंगानगर की तरफ जा रहे ट्रक चालक गुरजंट सिंह ने बताया कि बड़ी गाड़ी होने के कारण उनको अधिक मुश्किलें पेश आती थी। उन्होंने कहा कि मानसा की तरफ जाने के समय तो गाड़ियों की जान ही निकल जाती थी परंतु अब आसान हो गए हैं। भाई बखतौर फ्लाईओवर का नींव पत्थर भी गठबंधन के राज में अगस्त 2016 में रखा गया था यह ओवरब्रिज दो वर्षों के रिकार्ड समय में मुकम्मल हुआ है।
इस सड़क के बंद होने के कारण मानसा की तरफ जाने वाली यातायात को वाया तलवंडी साबो व बसों को विभिन्न गांवों में से घूम कर जाना पड़ता था बुरी सड़कों पर गड्ढों के कारण बसों का रोजमर्रा ही नुक्सान होता था और बसों के मालिक आर्थिक रूप में परेशान हो रहे थे। अब सीधी यातायात बहाल होने साथ डीजल की बचत होगी और समय भी बचेगा।
टोल टैक्स लोक समर्थकी नहीं: बहल
ज्वार्इंट एक्शन समिति के नेता एमएए बहल का कहा कि फ्लाईओवरों के शुरु होने से आम लोग तेजी के साथ सफर कर सकेंगे और यह सफर सुरक्षित भी रहेगा परंतु टोल टैक्स लाने की रिपोर्टों लोक समर्थकी नहीं हैं बहल ने कहा कि यदि लोगों ने सरकार को टैक्स भी अदा करने हैं और हर टोल बैरियर पर टोल देकर सड़कें-पुलों का निर्माण भी करना है तो फिर कल्याणकारी राज की क्या फायदा है।
अंडर व ओवर ब्रिजों की धरती बना बठिंडा (Bathinda)
कांग्रेज के राज में शहर में फ्लाईओवर बनाने की शुरूआत मुलतानिया ओवरब्रिज से हुई थी उस के बाद में मानसा रोड ओवरब्रिज भी कांग्रेस के राज में शुरू हुआ। गठबंधन सरकार के राज में तो ऐसे पुलों की झड़ी लगी रही अब तो चार चारों तरफ इस तरह के पुल ही पुल दिखाई देते हैं। रिंग रोड फेज दो और बादल रोड पर पुल बनाए गए। बठिंडा-मलोट सड़क पर थर्मल फ्लाईवर व मानसा रोड अंडरब्रिज भी बना हुआ है।
खस्ताहालत सड़कें से बसों को मिली निजात
मिन्नी बस आॅपरेटर यूनियन के अध्यक्ष बलतेज सिंह ने कहा कि गड्ढों कारण बसों का नुक्सान होता है और खस्ताहालत सड़कें मशीनरी तोड़ देती हैं। उन्होंने कहा कि अच्छी बात है कि अब बसों को अब ऐसे बुरे रूट पर नहीं जाना पड़ेगा। उन्होंने मांग की कि सरकार को टोल नीति पर भी विचार करना चाहिए क्योंकि आम ट्रांसपोर्टरों पर इसका बड़ा बोझ पड़ता है।
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