पीलीबंगा (सच कहूँ न्यूज)। लिखमीसर के पास एलजीडब्ल्यू वितरिका में कटाव के चलते किसानों की करीब 25 बीघा कृषि भूमि जलमग्न हो गई। इससे नरमा की बिजाई नष्ट हो गई। जानकारी के अनुसार एलजीडब्ल्यू वितरिका के तहत 17 एलजीडब्ल्यू के पास कंटीलेदार जानवर ने वितरिका की एक ओर दीवार को खोद-खोदकर उसमें अन्दर से गड्ढा बना दिया जैसे ही माइनर में तेज प्रवाह के साथ पानी आया। पानी के तेज प्रवाह से वितरिका के एक ओर का पटड़ा नीचे धंस गया व इससे वितरिका में करीब 20-25 फीट कटाव आ गया। बुधवार रात्रि करीब दो बजे कटाव की सूचना किसी दुपहिया वाहन चालक ने किसानों को दी। इस पर जल उपयोक्ता संगम अध्यक्ष गुरदास सिंह सरां ने मौके पर रात को ही जेसीबी भिजवाई व किसानों के सहयोग से कटाव को पाट दिया इससे पानी का खेतों में प्रवेश बंद हो गया। जेसीबी से करीब तीन घंटे तक मिटटी डालकर कटाव पाट दिया गया।
करीब 25 बीघा कृषि भूमि हुई जलमग्न
गुरूवार सुबह किसान जसविन्द्र सिंह ढिल्लों, राजपाल सिंह व गुरदास सिंह सरां के ट्रेक्टरों व अंकित खीचड़ के लोडर एवं गुरजीत सिंह ढिल्लों, कौरसिंह ढिल्लों सहित अन्य किसानों के सहयोग से मिट्टी व मिट्टी से भरे थैले डालकर कटाव हुए बंधे को मजबूत कर दिया। किसानों की सूचना पर जल संसाधन विभाग के एईएन मनीष कुमार, सरपंच मलकीतसिंह सिद्धू व हल्का पटवारी मौके पर पहुंचें तथा कटाव का मौका मुआयना किया। कटाव से किसान रामचंद्र, सुभाषचंद्र, रामकुमार, ओमप्रकाश व श्रवणराम की कृषि भूमि पर नरमा फसल की बिजाई प्रभावित हो गई। किसानों ने प्रभावित हुए क्षेत्र का सर्वे करवा पीड़ित किसानों को मुआवजा देने की मांग की। मौके पर उपस्थित किसानों ने बताया कि नहरबंदी के दौरान उन्होंने जल संसाधन विभाग से एलजीडब्ल्यू वितरिका की सुध लेने की मांग की थी लेकिन विभाग ने इस ओर ध्यान नहीं दिया अन्यथा संभवत: उक्त कटाव नहीं होता। इस पर एईएन मनीष कुमार ने बताया कि लम्बे समय से सूख रही वितरिका में अचानक तेज गति से प्रवाह हो रहे पानी से सूखी दीवारों में अचानक थोड़ी दरार आने से कई बार कटाव आ जाता है। कांटेदार जंगली जानवर ने अंदर ही अंदर गड्ढा कर दीवार को खोखला कर दिया। इससे एक ओर पटड़ा धंसने के चलते वितरिका में कटाव आ गया। किसानों ने अथक प्रयास कर कटाव को पाट दिया।
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