आखिर फिर भी क्यों संचालन कर रहे हैं विश्वविद्यालय? | Hisar News
हिसार (सच कहूँ/संदीप सिंहमार)। हरियाणा व देश के विभिन्न प्रदेशों में टीजीटी, पीजीटी व असिस्टेंट प्रोफेसर सहित सभी पदों के लिए कंप्यूटर (Computer) समेत विभिन्न तकनीकी विषयों में जब दूरस्थ/ शिक्षान डिस्टेंस एजुकेशन/ प्राइवेट एजुकेशन/कॉरस्पॉडेंस कोर्स मान्य नहीं है, फिर भी हरियाणा प्रदेश तकनीकी कोर्सों के लिए दूरस्थ शिक्षा बदस्तूर जारी है। हरियाणा के गुरु जंभेश्वर विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय व कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय वर्तमान में भी ऐसे कोर्स संचालित कर रहे हैं । Hisar News
जो हरियाणा प्रदेश के स्कूल शिक्षा, कॉलेज शिक्षा व विश्वविद्यालय शिक्षा के लिए किसी भी सूरत में मान्य नहीं है। बुधवार को गुरु जंभेश्वर विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के दूरस्थ शिक्षा निदेशालय ने शैक्षणिक सत्र 2023- 2024 के लिए 8 वर्षों के संचालन की विश्वविद्यालय अनुदान आयोग से मान्यता मिलने की बात कही है। इसकी पुष्टि करते हुए विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो.नरसी राम विश्नोई ने दूरस्थ शिक्षा विभाग को बधाई भी दी। Hisar News
मास्टर इन कंप्यूटर एप्लीकेशन (एमसीए) विषय को भी शामिल
इन 8 कोर्सों में मास्टर इन कंप्यूटर एप्लीकेशन (एमसीए) विषय को भी शामिल किया गया है। जबकि हरियाणा प्रदेश में स्कूल शिक्षा में टीजीटी पीजीटी के लिए हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड द्वारा हर वर्ष आयोजित होने वाले एचटेट के इंफॉर्मेशन बुलेटिन में भी साफ तौर पर लिखा गया है कि टीजीटी व पीजीटी कंप्यूटर साइंस के लिए वहीं कैंडिडेट मान्य होगा जिसने एमएससी कंप्यूटर साइंस/ एमसीए/ बीई/बीटेक कंप्यूटर साइंस, कंप्यूटर इंजीनियरिंग व आईटी में रेगुलर कोर्स किसी भी मान्यता प्राप्त विश्वविद्यालय से पास किया हो। इसके बावजूद भी बुधवार को गुरु जंभेश्वर विश्वविद्यालय ने एमसीए विषय को दूरस्थ शिक्षा में शामिल कर बेरोजगार युवाओं को गुमराह करने का काम किया है।
गाइडेंस की कमी से दाखिला लेते हैं युवा | Hisar News
बेरोजगार युवा भी गाइडेंस एंड काउंसलिंग की कमी होने के कारण ऐसे विषयों में दाखिला ले लेते हैं। लेकिन जब जॉब से संबंधित हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग व हरियाणा पब्लिक सर्विस कमीशन की तरफ से विज्ञापन जारी होता है तो उसमें भी रेगुलर कोर्स लिखा हुआ होता है। हालांकि तकनीकी विषयों को छोड़कर बाकी सभी विषयों में दूरस्थ शिक्षा के सभी कोर्स मान्य है। ऐसी स्थिति में प्रदेश के शिक्षा विभाग विश्वविद्यालय अनुदान आयोग ने भी एक एडवाइजरी जारी कर सभी विश्वविद्यालयों को ऐसा करने से मना किया जाना चाहिए ताकि किसी भी युवा का भविष्य खराब ना हो।
विश्वविद्यालय का दूरस्थ शिक्षा निदेशालय आगामी शिक्षा सत्र के लिए नौ कोर्सों की दाखिला प्रक्रिया शीघ्र ही आरम्भ करेगा। वर्तमान समय में दूरस्थ शिक्षा माध्यम शिक्षा प्राप्ति का एक अत्यन्त आवश्यक माध्यम हो गया हैं। दूरस्थ शिक्षा के माध्यम से विद्यार्थी अपने रोजगार के साथ-साथ शिक्षा प्राप्त कर सकता है। नई शिक्षा नीति के तहत एक नियमित कोर्स के साथ विद्यार्थी दूरस्थ शिक्षा के माध्यम से दूसरी डिग्री हासिल कर अपने कौशल को बढ़ा सकता है तथा रोजगार के नये आयाम तलाश सकता हैं। Hisar News
प्रो. नरसी राम बिश्नोई, कुलपति, गुजवि हिसार।
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