16 जुलाई से खुलेंगे 9वीं से 12वीं तक के स्कूल
सच कहूँ/राजू, ओढां। 16 जुलाई को प्रदेश में करीब 86 दिन बाद सरकारी व निजी स्कूल खुलने जा रहे हैं। सरकार द्वारा कक्षा 6 से 12 तक के स्कूलों को खोलने की तैयारी की गई है। आदेशों के तहत 9वीं से 12वीं कक्षा तक के विद्यार्थी 16 जुलाई से व कक्षा छठी से 8वीं तक के विद्यार्थी 23 जुलाई से स्कूल आएंगे। जबकि प्रथम से 5वीं तक के बच्चों को बुलाने का निर्णय अभी तक नहीं लिया गया है। कोरोना के केसों में आई कमी के मद्धेनजर सरकार ने स्कूल खोलने का निर्णय लिया है। इस दौरान मुख्यमंत्री दूरवर्ती शिक्षा कार्यक्रम के तहत विद्यार्थी ऑनलाईन पढ़ाई भी जारी रख सकते हैं।
उन्हें विकल्प दिया गया है कि वे स्कूल आने के अलावा ऑनलाईन भी पढ़ाई कर सकते हैं। इस विषय में विभाग के सभी जिलाधिकारियों को पत्र जारी कर दिया गया है। हालांकि स्कूलों को कोविड के नियमों का पूरी तरह से पालन करने की भी ताकीद दी गई है। इस फैसले के बाद जहां निजी स्कूल संचालकोें मेंं हर्ष की लहर है तो वहीं अभिभावकोें ने भी प्रशंसा जाहिर की है। गौरतलब हो कि निजी स्कूल एसोसिएशन स्कूल खोले जाने को लेकर सरकार के खिलाफ कड़ा रूख अपनाए हुए है। इस बारे जब कुछ अभिभावकों व निजी स्कूल संचालकों से बात की गई तो उन्होंने सरकार के इस निर्णय को उचित बताया।
‘‘कोरोना काल में शिक्षा का स्तर सबसे ज्यादा प्रभावित हुआ है। हालांकि बच्चों को ऑनलाईन शिक्षा भी दी जा रही है, लेकिन जो पढ़ाई स्कूल में हो सकती है वो ऑनलाईन नहीं। घर बैठे बच्चोंं में चिड़चिड़ापन आना स्वाभाविक है। हम सरकार के स्कूल खोलने के निर्णय की सराहना करते हैं। इस निर्णय से निजी स्कूलों पर छाया आर्थिक संकट दूर होगा तो वहीं विद्यार्थियों की बाधित शिक्षा भी सुचारू होगी।
वकील गोदारा, निजी स्कूल संचालक (नुहियांवाली)।
‘‘कोरोना काल में निजी स्कूलों पर बूरी तरह से आर्थिक संकट उत्पन्न हुआ। विद्यार्थियों की शिक्षा भी बाधित हुई। सभी के पास स्मार्टफोन न होने के चलते विद्यार्थियों को परेशानी भी झेलनी पड़ी। सरकार के इस निर्णय से हमें, अभिभावकों व विद्यार्थियों को बड़ी राहत मिलेगी। हम सरकार के इस निर्णय का स्वागत करते हैं। उम्मीद करते हैं कि प्राईमरी स्कूल भी जल्द खुलेंगे।
महेन्द्र लुटासरा, निजी स्कूल संचालक (पन्नीवाला मोटा)।
‘‘पिछले काफी समय से स्कूल बंद होने से बच्चों की शिक्षा का बड़ा नुकसान हुआ। शिक्षा प्रभावित न हो इसके लिए बच्चों को ऑनलाईन पढ़ाया जाता रहा, लेकिन फिर भी बच्चों की पढ़ाई बाधित हुई। कोरोना की प्रथम लहर में भी बच्चों की शिक्षा काफी प्रभावित हुई थी। सरकार ने स्कूल खोलने का निर्णय लेकर बड़ी राहत दी है। नियमों के साथ स्कूल खुलने में कोई दिक्कत नहीं है।
कृष्ण जोशी, अभिभावक (नुहियांवाली)।
‘‘कोरोना के दौर में वैसे तो परेशानी सभी को आई, लेकिन जो शिक्षा का नुकसान हुआ है उसकी भरपाई बड़ी मुश्किल से होगी। सरकार का ये निर्णय हमारे लिए राहत भरा है। स्कूलों द्वारा आॅनलाईन शिक्षा मुहैया करवाना सराहनीय रहा, लेकिन अब जो सरकार ने स्कूल खोलने का निर्णय लिया है वो सराहनीय है। बच्चों की शिक्षा की रिकवरी होगी तथा अभिभावकों के सिर से भी कुछ बोझ हटेगा।
नरेश डूडी, अभिभावक (पन्नीवाला मोटा)।
अन्य अपडेट हासिल करने के लिए हमें Facebook और Twitter, Instagram, link din , YouTube पर फॉलो करें।